डेली संवाद, रांची। Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former CM Hemant Soren) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अपनी याचिका वापस ले ली है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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बुधवार (22 मई) को अपनी दलीलें पेश करने के बाद जब जज ने याचिका को खारिज करने की बात कही तो हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने याचिका वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया। कोर्ट की अनुमति से उन्होंने याचिका वापस ले ली।
हेमंत सोरेन ने अंतरिम जमानत देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की
बता दें कि हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। उनके वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने चुनाव प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को मिली जमानत के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की थी।
हेमंत सोरेन की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने सारे तथ्य नहीं रखे। कोर्ट ने सवाल किया जब सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट को रुख किया था तब कोर्ट को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई कि ज़मानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट के सामने पेंडिंग है और निचली अदालत पहले ही चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है।
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कोर्ट ने कहा कि हमे आपके मुवक्किल की नीयत सही नहीं लगती। आप 2-2 जगह क़ानूनी राहत के विकल्प खोज रहे थे। अगर हमे पता होता कि आपकी अर्जी कहीं और ही पेंडिंग है तो हम ऐसी सूरत में आपको याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर ही नहीं करते। इसके बाद कपिल सिब्बल ने सफाई दी कि इसमें मेरे मुवक्किल की गलती नहीं है। ये मेरी अपनी ग़लती है। हमारा मकसद किसी तरह से कोर्ट को गुमराह नहीं था।