UP Chunav Results 2024: इन कारणों से हारी स्मृति ईरानी और जीत गए किशोरी भैया

Daily Samvad
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डेली संवाद, लखनऊ। UP Chunav Results 2024: अमेठी (Amethi) में पांच साल तक सक्रिय रहने के बावजूद केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी (Smriti Zubin Irani) अपनी सीट बचा नहीं पाईं। गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) से वह हार गईं। गांधी परिवार का खुद अमेठी से आने की जगह किशोरीलाल को उतारने का दांव भी कामयाब रहा।

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कहा जा रहा है कि जिस तरह स्मृति 2014 में हार के बाद अपनी मेहनत से 2019 की जीत की श्रेय की हकदार थीं, उसी तरह इस हार के लिए भी वह खुद ही जिम्मेदार हैं। लोग बताते हैं कि स्मृति 2019 का चुनाव जीतने के बाद से ही अपनी जीत का आधार बने काडर की जगह दूसरे दलों के लोगों को तवज्जो देने लगीं।

UP Chunav Results 2024
UP Chunav Results 2024

पार्टी का काडर खुश नहीं था

सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल में हैं। भाजपा उन पर लगे आरोपों को मुद्दा बनाती रही है। इसके बावजूद स्मृति ने गायत्री प्रजापति की पत्नी व अमेठी से विधायक महराजी प्रजापति व उनके परिवार का मदद लेने का प्रयास किया। इससे पार्टी का काडर खुश नहीं था।

महराजी प्रजापति से हारने वाले पूर्व सांसद संजय सिंह तक घर बैठ गए। इसी तरह गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह भाजपा के चंद्र प्रकाश मिश्रा को हराकर चुनाव जीते थे। नगर पालिका चुनाव में गौरीगंज नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष रश्मि सिंह के पति दीपक सिंह व राकेश सिंह के बीच मारपीट और एफआईआर तक हुई थी।

नाराजगी का खामियाजा सांसद को चुकाना पड़ा

लेकिन स्मृति ने राकेश को भाजपा में शामिल करवा दिया। पार्टी के नेता और जमीन से जुड़े कार्यकर्ता स्मृति के औरे से बाहर जाकर विरोध तो नहीं कर सके और चुनाव में साथ भी चले, लेकिन इसका उनकी नाराजगी का खामियाजा सांसद को चुकाना पड़ा।

नजदीकी लोग कारण बने

स्मृति की हार में उनके कुछ नजदीकी लोग भी कारण बने। बताया जाता है कि 2014 में हारने के बाद 2019 तक स्मृति के क्षेत्र में आने पर कोई भी आसानी से मिल सकता था। लेकिन 2019 में जीत के बाद उनके आसपास ऐसे लोगों का घेरा हो गया जो आम लोगों और उनके बीच में बाधा बनकर खड़े हो गए।

चुनाव के दौरान आम लोग ऐसे लोगों का नाम गिनाते नजर आए। स्मृति लोगों की नाराजगी भांप नहीं पाईं। नतीजा यह हुआ कि न सिर्फ जीत का अंतर घटा, बल्कि वोट शेयर भी कम हो गया। स्मृति संसदीय क्षेत्र की सभी पांच विधानसभा सीटों पर हार गईं। इनमें तीन में तो भाजपा के ही विधायक हैं। एक विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह तो मंत्री भी हैं।

Smriti Irani
Smriti Irani

किंचित नहीं भयभीत मैं : स्मृति

चुनाव परिणाम आने के बाद स्मृति इरानी ने भाजपा कार्यालय पर प्रेसवार्ता कर जनता का आभार जताया। कहा कि जैसे अब तक जनता की सेवा की, आगे भी करती रहू़ंगी।

उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की जीत पर बधाई दी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वो भी सही, वरदान…..।

Kishori Lal Sharma
Kishori Lal Sharma

जीत संपूर्ण अमेठी परिवार की हैः केएल शर्मा

कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि मैं अमेठी की सम्मानित जनता जनार्दन और कांग्रेस का ऋणी हूं। अमेठी का 18वीं लोकसभा चुनाव मजबूत और सशक्त लोकतांत्रिक देश का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह जीत किशोरी लाल शर्मा की नहीं, बल्कि यह जीत संपूर्ण अमेठी परिवार की है।




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