डेली संवाद, नई दिल्ली। Nara Chandrababu Naidu का नाम भारतीय राजनीति में बहुत प्रमुख है। उनका जन्म 20 अप्रैल 1950 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में हुआ था। वह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता हैं और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
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Nara Chandrababu Naidu प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
चंद्रबाबू नायडू का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम नारा किम्पा रेड्डी और माता का नाम अम्मानम्मा था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने तिरुपति के एसवी आर्ट्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
चंद्रबाबू नायडू का विवाह एनटी रामा राव की बेटी, नारा भुवनेश्वरी से हुआ है। उनका एक बेटा है, नारा लोकेश, जो एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और आंध्र प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
चंद्रबाबू नायडू (Nara Chandrababu Naidu) का राजनीतिक करियर बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। 1978 में, उन्होंने पहली बार चित्तूर जिले के चंद्रगिरि विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीता। चंद्रबाबू नायडू ने मार्च 2024 में राजग में फिर से वापसी की और TDP, बीजेपी और पवन कल्याण की जनसेना ने साथ मिलकर आंध्र में चुनाव लड़ा।
टीडीपी की स्थापना
1982 में, नायडू ने टीडीपी की स्थापना की। इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य तेलुगू लोगों के अधिकारों की रक्षा करना था। एनटी रामा राव (एनटीआर) के नेतृत्व में टीडीपी ने 1983 में राज्य विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की। चंद्रबाबू नायडू पार्टी के महासचिव बने और बाद में पार्टी के अध्यक्ष भी बने।
मुख्यमंत्री का कार्यकाल

Nara Chandrababu Naidu ने 1995 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने इस पद पर 2004 तक और फिर 2014 से 2019 तक कार्य किया। उनके कार्यकाल में राज्य में आईटी क्षेत्र में जबरदस्त विकास हुआ। उन्होंने हैदराबाद को एक आईटी हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विकास कार्य और पहल
Nara Chandrababu Naidu के कार्यकाल में कई विकास कार्य हुए। उन्होंने ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित किया और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, बिजली और पानी की सुविधा में सुधार किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश में कई तकनीकी पार्क और आईटी कंपनियों की स्थापना की। इसके अलावा, उन्होंने किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं भी शुरू कीं।
चुनौतियां और संघर्ष
नायडू के जीवन में कई चुनौतियां भी आईं। 2003 में, उन पर एक जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बचे थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने विकास कार्यों को जारी रखा। 2019 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन नायडू ने हार नहीं मानी और अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए मेहनत जारी रखी।






