डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर वेस्ट विधानसभा (Jalandhar West Assembly Constituency) के उपचुनाव (By Poll) को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। AAP ने मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है।
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आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा की है। जालंधर वेस्ट हलके के उपचुनाव कते लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 जून है। जबकि 17 यानि सोमवार को ईद की छुट्टी के कारण नामांकन नहीं लिए जाएंगे। इसके बाद केवल 4 दिन बचेंगे।
शीतल अंगुराल भाजपा से प्रत्याशी फाइनल
दूसरी तरफ भाजपा (BJP) ने भी करीब-करीब अपने प्रत्याशी का नाम फाइनल कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले विधायक पद की कुर्बानी देने वाले शीतल अंगुराल (Sheetal Angural) की टिकट तय मानी जा रही है।
हालांकि सुशील रिंकू (Sushil Rinku) ने यह कर राजनीति में हलचल जरूर मचा रखी है कि शीतल को टिकट मिलेगी, तो FIR दर्ज हो जाएगी। क्योंकि इस टिकट पर सुशील रिंकू की पत्नी सुनीता रिंकू दावा कर रही हैं।
कांग्रेस में मंथन, सुरिंदर या जंगराल?
उधर, कांग्रेस (Congress) अभी तक मंथन ही कर रही है। कांग्रेस की हाइलेवल मीटिंग में उम्मीदवार के चेहरे पर मंथन किया गया। कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव जालंधर पहुंच गए हैं। इस दौरान पंजाब प्रधान सांसद राजा वड़िंग भी जालंधर आए और सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के आवास पर लंबी बैठक का दौर चला।
कांग्रेस से चरणजीत सिंह चन्नी के करीबी अश्वनी जंगराल की टिकट की चर्चा है। हालांकि इस पर जालंधर के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर भी दावा ठोक रही है। लेकिन पार्टी में चर्चा है कि सुरिंदर कौर नगर निगम में पांच साल तक ‘मौन’ रहीं, जिससे अगर विधानसभा पहुंची तो वहां भी मौन रहेंगी, इससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
सुरिंदर कौर 5 सालों तक निगम में रहीं ‘मौन’
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पांच साल तक सीनियर डिप्टी मेयर रहीं सुरिंदर कौर दफ्तर में बहुत कम बैठी। यहां तक कि जब नगर निगम हाउस की बैठक होती थी तो उसमें वे सिर्फ मूक दर्शक बनी रहती थी। स्थिति तब बिगड़ी जब वे अपने वार्ड से संबंधित समस्साएं हल नहीं करवा पाईं।
अब चर्चा यह है कि कांग्रेस अगर सुरिंदर कौर को टिकट देती है, अगर जीत भी जाती हैं तो क्या विधानसभा में मौनव्रत टूटेगा? इसी को लेकर कांग्रेस पशोपेश में है। क्योंकि इस समय विधानसभा में कांग्रेस को बोलने वाला तगड़ा नेता चाहिए, न कि मौन व्रत धारण करने वाली महिला।
अकाली दल से महिंदर केपी चर्चा में
अगर बात की जाए अकाली दल के प्रत्याशी, तो अभी तक अकाली दल ‘खाली’ चल रहा है। चर्चा यह है कि इस सीट से लोकसभा चुनाव हारने वाले महिंदर सिंह केपी को चुनाव लड़ाया जा सकता है। महिंदर सिंह केपी भी यह उपचुनावन लड़ना चाहते हैं।