रमेश शुक्ला सफर। डेली संवाद, अटारी बॉर्डर (भारत-पाकिस्तान सीमा)। Punjab News: भारत-पाकिस्तान (Indo-Pak) के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस (Samjhauta Express) को बंद होने के बाद जहां पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की हालत जर्जर हो चुकी है। हालत यह है कि पाकिस्तान के लोग रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं।
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आतंकवाद के चलते जहां भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद हुआ था वहीं आतंकवाद का पर्याय समझा जाने वाला तालिबान भारत के साथ करोड़ों-अरबों रुपयों को व्यापार अटारी सरहद से कर रहा है। भारत के साथ अफगानिस्तान का व्यापार भले ही पाकिस्तान के रास्ते हो रहा है लेकिन पाकिस्तान अपनी करनी पर खून के आंसू रो रहा है।
आयात का नया रिकॉर्ड कायम किया
भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) के रास्ते भारत ने अफगानिस्तान के साथ आयात का नया रिकॉर्ड कायम किया है। जिसे देख पाकिस्तान के हुक्मरान भी अब बॉर्डर खोलने की दुहाई देने लगे हैं। उधर, पाकिस्तान के साथ 2019 से ही बॉर्डर के रास्ते व्यापार बंद है।
पाकिस्तान की बात करें तो भारत को जिप्सम और सीमेंट भेज कर भारत से 100 से अधिक चीजें खरीद करता था। पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद के चलते भारत ने अपने सभी रिश्ते तोड़ने के बाद व्यापार को बंद किया तो पाकिस्तान की कुछ ही दिनों में बोलती बंद हो गई। हालांकि अफगानिस्तान के साथ भारत व्यापार कर रहा है वो भी पाकिस्तान की जमीन से होकर अफगानिस्तान ट्रकों की आवाजाही की जा रही है।
अफगानिस्तान से 3700 करोड़ रुपये का आयात
बात करें साल 2023-24 की तो भारत ने अफगानिस्तान से 3700 करोड़ रुपये का आयात किया है, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है ।इससे पहले पिछले वर्ष 3600 करोड़ का आयात दोनों देशों के बीच हुआ था। अफगानिस्तान से भारत किशमिश, अंजीर, अखरोट, ताजे फल, बादाम, अनार, चेरी, हींग, केसर और जीरा का आयात करता है।
इसके अलावा दवाइयों में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियां भी आयात की जाती हैं। वैसे तो भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद शिमला समझौता के तहत दोनों देशों के बीच प्यार व व्यापार को बढ़ाने के लिए भारत ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया।
दुबई के माध्यम से कारोबार
नतीजतन भारत के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद संसद पर हमले के बाद जब पुलवामा पर सैनिकों पर अटैक हुआ तो भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए व्यापार के रास्ते बंद कर दिए । यह अलग बात है कि गुजरात व कराची के बीच पाकिस्तान के साथ व्यापार हो रहा है लेकिन दुबई के माध्यम से।
भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार करने के लिए आईसीपी की स्थापना साल 2012 में की थी। लेकिन पाकिस्तान को व्यापार रास नहीं आया और सीमेंट के साथ जब हेरोइन की खेप भारत आने लगी तो भारत ने मालगाड़ी की आवाजाही 2019 में बंद कर दी थी।
आंकड़ा 4000 करोड़ के ऊपर जा सकता है
अब अफगानिस्तान की बात करें तो पिछले पांच सालों में की बात करें तो 2018-19 में 3400 करोड़, 2019-20 में 2544 करोड़, 2020-21 में 2639 करोड़, 2021-22 में 2977 करोड़ और 2022-23 में 2212 करोड़ रुपये का आयात हुआ है।2023-2024 में 3600 करोड़ और अनुमान है कि 2024-25 में यह आंकड़ा 4000 करोड़ के ऊपर जा सकता है।
एशिया की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट की मंडी मजीठ मंडी अमृतसर की बात करें तो पाकिस्तान के साथ व्यापार खोलने से व्यापार में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन यहां के व्यापारी कहते हैं कि पहले देश फिर व्यापार।
तालिबान का शासन आने के बाद आशंका
फेडरेशन ऑफ किरियाना एंड ड्राई फ्रूट एसोसिएशन मजीठ मंडी के प्रधान अनिल मेहरा कहते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद आशंका थी कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार करेंगे तो कहीं पेमेंट फंस न जाए लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, अफगानिस्तान के साथ भारत के व्यापार बेहतर हैं। आस है ऐसे ही बेहतर रहेंगे।
भारत के साथ व्यापार बंद होने के बाद पाकिस्तान रोटी के टुकड़ों के लिए मोहताज हो गया है। महंगाई भारत से कई गुणा पाकिस्तान में है। 2024 के लोकसभा चुनावों में अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला व आम आदमी पार्टी के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने जब भारत-पाकिस्तान के बीच बॉर्डर खोलने की आवाज बुलंद की तो अकाली दल बादल ने भी समर्थन किया था।
लेकिन जब बात आतंकवाद की हो नशीले पदार्थों के आने की हो तो राष्ट्रहित में अटारी बॉर्डर खोलना हित में है या नहीं इसे भारत सरकार को देखना होगा। राजनीति अपने जगह है और देश की नीति अपनी जगह।