डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) में बड़े पैमाने पर चल रहे घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ये घोटाला बिल्डिंग ब्रांच (Building Branch) में चल रहा है। बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी बिना सीएलयू (CLU) और नक्शे के ही कामर्शियल और रेजीडेंशियल विला बनवा रहे हैं। जिससे भगवंत मान सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।
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आरटीआई एक्टिविस्ट संजय सहगल (Sanjay Sehgal) ने बताया कि लद्देवाली रोड पर स्थिति मिलेनियम रियल एस्टेट डेवलपर्स के ग्रीन काउंटी (Green County) विला का न तो नक्शा पास है और न ही इसका कोई सीएलयू फीस जमा करवाई गई, फिर भी पिछले कई साल से यहां विला बनाकर लोगों को करोड़ों रुपए में बेचे जा रहे हैं।
जानबूझकर फाइल विचाराधीन बताया
संजय सहगल ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से की। सीएलयू शुल्क वसूलने के लिए पीजीआरएस पोर्टल पर 6 फरवरी 2023 से शिकायत दर्ज की गई थी, जिसे एटीपी सुषमा दुग्गल को भेज दिया गया था क्योंकि उन्होंने 18 जुलाई 2023 को 6 महीने बाद शिकायत का निपटारा किया था और साथ ही कार्रवाई रिपोर्ट भी दी थी कि फाइल विचाराधीन और निगरानी में है।
संजय सहगल ने आरोप लगाया कि सुषमा दुग्गल ने जानबूझकर फाइल विचाराधीन बताया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रीन काउंटी के डेवलपर ने सिंचाई विभाग की जमीन को भी खुर्द-बुर्द कर दिया है। इसमें नगर निगम और सिंचाई विभाग के कुछ अफसर मिले हुए हैं। इस संबंध में नगर निगम ने ग्रीन काउंटी के डेवलपर को साल 2010 में नोटिस भी जारी किया था।
ग्रीन काउंटी को निगम ने भेजा था नोटिस
रिपोर्ट के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं- सुषमा
संजय सहगल के आरोप पर एटीपी सुषमा दुग्गल ने कहा है कि उन्हें इस रिपोर्ट के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। दफ्तर टाइम में मेरे दफ्तर आ जाएं, मैं इस शिकायत के बारे में दस्तावेज देख कर विस्तार से बता पाउंगी। इस संबंध में सुषमा दुग्गल का पक्ष अब कल आ सकेगा।
सिंचाई विभाग के विवाद के चलते CLU नहीं हो सका – अग्रवाल
उधर, ग्रीन काउंटी के नरिंदर अग्रवाल ने कहा है कि उन्होंने 2017 में नक्शा और सीएलयू के लिए अप्लाई किया था, लेकिन नगर निगम ने यह कर फाइल वापस कर दी कि उक्त जमीन का सिंचाई विभाग से विवाद चल रहा है। जिससे इसका सीएलयू और नक्शा पास नहीं हो सकता।
नरिंदर अग्रवाल के मुताबिक अप्रैल 2024 में सिंचाई विभाग का केस खत्म हो गया। इस केस का फैसला उनके पक्ष में आया। इसके बाद नक्शा और सीएलयू करवाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन इसी बीच नगर निगम ने काम रुकवा दिया।