डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब से बड़ी खबर है। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Governor Banwari Lal Purohit) ने इस्तीफा दे दिया है, उनकी जगह अब गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria, Governor of Punjab) को राज्यपाल बनाया गया है। गुलाबचंद कटारिया राजस्थान सरकार के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा (BJP) के दिग्गज नेता रहे हैं।
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पंजाब के राज्यपाल के साथ साथ गुलाबचंद कटारिया को चंडीगढ़ (Chandigarh) के प्रशासक का पद भी सौंपा गया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल फरवरी 2023 में असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। राज्यपाल के तौर पर यह उनकी दूसरी नियुक्ति है।
पुरोहित का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया
वहीं, पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। निजी स्कूल में शिक्षक बनकर अपना जीवन चलाने वाले कटारिया ने पहली बार 1977 में चुनाव लड़ा था। वह उदयपुर शहर सीट से विधायक चुने गए थे।
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बताया जाता है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 11 चुनाव लड़े, जिनमें से 9 में उन्हें जीत मिली। साल 1998 में वह सादड़ी से सांसद के तौर पर चुनाव जीते। आखिरी चुनाव 2018 में जीतकर वह 15वीं राजस्थान विधानसभा में पहुंचे।
उदयपुर में राजनीतिक सफर
गुलाब चंद कटारिया का राजनीतिक सफर उदयपुर से शुरू हुआ और यहीं खत्म हुआ। 2003 में उदयपुर शहर सीट से विधायक रहे गुलाब चंद कटारिया राजस्थान सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1977, 1980, 2003 से 2018 तक उदयपुर से भाजपा को जीत दिलाई। लगातार कार्यकाल के बाद उन्होंने उदयपुर को भाजपा का गढ़ बना दिया।
पुरोहित जाते हुए भी सीएम मान पर लगा गए आरोप
दो दिन पहले ही गवर्नर पुरोहित पंजाब बॉर्डर एरिया के दौरे से लौटे थे। चंडीगढ़ पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोपों की बरसात कर दी थी। ये आरोप भी लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री मान से परेशान होकर इस्तीफा दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें (भगवंत मान) मेरा चांसलर बनना पसंद नहीं आया। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया था। मुझे किसी से वोट नहीं चाहिए, मैं निस्वार्थ भाव से यहां काम कर रहा हूं। मेरे अगर किसी से बात भी होती है तो सीधी बात प्रधानमंत्री या फिर होम मिनिस्टर से होती है। दिक्कतें लेकर AAP, BJP और कांग्रेस के लोग भी आते हैं। मैं सभी की बात सुनता हूं।
मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों का चांसलर हूं
पंजाब के जो काम नहीं हुए वो काम करवाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों का चांसलर हूं। ये सीएम साहिब को पसंद नहीं आया, क्योंकि मैं किसी की रिकमेंडेशन पर काम नहीं करता था।