डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के 8 नेताओं पर बड़ी कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि जिन 8 नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया गया है, वे सभी बागी हो चुके थे। शिअद की अनुशासन कमेटी की मीटिंग में पार्टी विरोधी कार्रवाई करने वाले बागी ग्रुप के 8 नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया है।
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पार्टी से निकाले गए इन नेताओं में गुरप्रताप सिंह वडाला (Gurpratap Singh Wadala), बीबी जागीर कौर (Bibi Jagir Kaur), प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा (Prof. Prem Singh Chandumajra), परमिंदर सिंह ढींढसा (Parminder Singh Dhindsa), सिकंदर सिंह मलूका (Sikander Singh Maluka), सुरजीत सिंह रखड़ा (Surjit Singh Rakhra), सुरिंदर सिंह ठेकेदार (Surinder Singh Thekedar) और चरणजीत सिंह बराड़ (Charanjit Singh Brar) शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही बगावत
आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही बगावत चल रही थी। कुछ नेता पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल पर भी निशाना साध रहे थे। माना जा रहा था कि बागी नेताओं पर जल्द गाज गिर सकती है।
शिअद की अनुशासन कमेटी की मीटिंग बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में हुई। इसमें महेशिंदर सिंह ग्रेवाल और गुलजार सिंह राणीके शामिल हुए। अनुशासन समिति के सदस्यों का मानना है कि 26 जून 2024 को हुई पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर उपरोक्त सभी नेताओं से अपील की गई थी वह जो भी कहना चाहते हैं, वह पार्टी फोरम में आकर कहें ।
पार्टी संगठन पर कोई भरोसा नहीं
उनको कहा गया था कि वे पार्टी मीटिंग में बोलने के बजाय मीडिया में जाकर पार्टी को कमजोर करने के लिए गलत प्रचार करेंगे तो यह समझा जाएगा कि उन्हें पार्टी संगठन पर कोई भरोसा नहीं है। लेकिन इन नेताओं ने संयम बरतने की जगह योजनाबद्ध तरीके से उल्टा पार्टी के खिलाफ खुलेआम प्रचार करना शुरू कर दिया। कमेटी ने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
इन हलकों के प्रभारी हटाए गए
भूंदड़ ने बताया कि इन लोगों को मेंबरशिप से बर्खास्त करने के साथ ही 7 विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी भी पद से हटाए गए हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी पद भी इन नेताओं के पास थे। इन हलकों में नकोदर, भुलत्थ, घनौर, सनूर, राजपुरा, समाना और गढ़शंकर विधानसभा क्षेत्रों के नाम शामिल हैं।
बादल पर बरसी बीबी जागीर कौर
बीबी जागीर कौर ने कहा है कि वह अकाली दल में पैदा हुए थे और अकाली दल में ही मरेंगे। वह हर सिख अकाली है। जो अकाल तख्त को समर्पित है। मर्यादा में रहता है। सिद्वातों की पालना करता है। उन्होंने कहा कि विद्रोह तो यह कर रहे हैं।
इन्होंने पार्टी का अनुशासन ने भंग किया। यह पार्टी नहीं बादल कंपनी है। इन्होंने जालंधर में अपना कैंडिडेट देकर उसका विरोध किया। बसपा को समर्थन दे दिया। हम तो अकाली दल के सुधार की बात कर रहे थे। इन्होंने कहा कि सारी पार्टी एक साइड है, तीन चार लोगों का ग्रुप है।