डेली संवाद, चंडीगढ़ | Infosys: आईटी कंपनी Infosys पर 32 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप लगा है। डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ने Infosys को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। यह मामला जुलाई 2017 से 2021-2022 तक का है, जिसमें Infosys पर अपनी विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त करने पर IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) का भुगतान न करने का आरोप है।
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क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि Infosys ने अपनी विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त की, लेकिन उन पर 32,403 करोड़ रुपये के IGST का भुगतान नहीं किया। टैक्स डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि Infosys ने सेवाओं के आयात पर IGST का भुगतान नहीं किया, जिसके कारण यह मामला जांच के दायरे में है।
Infosys ने इस नोटिस को प्री-शो कॉज नोटिस बताते हुए कहा है कि नियमों के मुताबिक, ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है। In fosys ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी एक हालिया सर्कुलर के मुताबिक, भारतीय इकाई को विदेशी शाखाओं की ओर से दी जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अधीन नहीं हैं। जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए है।
Infosys कंपनी का बयान

Info sys ने कहा कि हमने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं। Infos ys का कहना है कि जीएसटी अधिकारियों द्वारा भेजे गए नोटिस में विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त करने के बदले कंपनी पर टैक्स का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इसलिए, In fosys को भारत के बाहर स्थित शाखाओं से प्राप्त आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत 32,403 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बताया गया है।
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या है?

रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत, जब कोई भारतीय कंपनी विदेश से सेवाएं प्राप्त करती है, तो उसे उस पर टैक्स का भुगतान करना होता है। आमतौर पर, टैक्स सेवा प्रदाता द्वारा भुगतान किया जाता है, लेकिन रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत, टैक्स सेवा प्राप्तकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।


