डेली संवाद, नई दिल्ली। Indigo : दिल्ली-एनसीआर में बीते बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र में जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया। इस बारिश के चलते न केवल सड़क यातायात बाधित हुआ, बल्कि हवाई यातायात भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।
इस बीच, Indigo एयरलाइन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले Twitter के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बारिश को लेकर एक हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी की। हालांकि, Indigo की यह पोस्ट यात्रियों के लिए चुटकी लेने का साधन नहीं, बल्कि गुस्से का कारण बन गई।
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Indigo का विवादित पोस्ट
Indigo ने अपने पोस्ट में लिखा, “हमारे पास सीधे स्वर्ग के आसमान से संदेश है। बारिश के देवता ने आज रात दिल्ली पर अपनी कृपा बरसाने का फैसला किया है। इसी के चलते रातभर भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में अपनी उड़ान के स्टेटस इस लिंक पर चेक करें।”
इस पोस्ट का मकसद था यात्रियों को बारिश की स्थिति के बारे में जानकारी देना और उन्हें उड़ानों के संभावित विलंब के बारे में सचेत करना। लेकिन जिस अंदाज में यह संदेश दिया गया, वह लोगों को सही नहीं लगा। इस पोस्ट को मजाकिया लहजे में लिखा गया था, जो यात्रियों के लिए असंवेदनशील प्रतीत हुआ, खासकर उस समय जब वे पहले से ही भारी बारिश और उड़ानों की देरी के कारण तनाव में थे।
यात्रियों का गुस्सा
Indigo के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यात्रियों ने इस पोस्ट को लेकर एयरलाइन पर तंज कसा और इसे असंवेदनशील करार दिया। एक यूजर ने गुस्से में लिखा, “लोगों को असुविधा से आपको मजा आता है, ये साबित करने के लिए शुक्रिया।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “कोई कहीं जाने की जल्दी में है, लोगों को असुविधा हो रही है और आपको मजा आ रहा है?”
कुछ लोगों ने एयरलाइन के इस पोस्ट को गैर-पेशेवर बताया और कहा कि यह पोस्ट दर्शाता है कि कंपनी संकट की घड़ी में भी गंभीरता नहीं बरत रही है। एक शख्स ने लिखा, “Indigo, आप इस तरह से कैसे घोषणा कर सकते हैं? क्या आपने काम पर इंटर्न बैठा रखा है? थोड़ा पेशेवर बर्ताव करिए।”
सोशल मीडिया पर कंपनियों की जिम्मेदारी
आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया पर किसी भी ब्रांड का पोस्ट केवल एक संदेश नहीं होता, बल्कि वह उस ब्रांड की छवि का हिस्सा बन जाता है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय कंपनियों को यह समझने की जरूरत होती है कि उनका संदेश किस तरह से लोगों पर असर डालेगा, खासकर जब लोग किसी कठिनाई या संकट का सामना कर रहे हों।
Indigo के इस मामले में, यह स्पष्ट हो गया कि ब्रांड्स को संकट के समय में संवेदनशीलता और सहानुभूति दिखाने की जरूरत होती है। मजाकिया लहजा केवल तब कारगर होता है, जब परिस्थिति इसके अनुकूल हो।
Indigo को मिली सीख
Indigo का यह विवादित पोस्ट एक बड़ा सबक है कि सोशल मीडिया पर संवाद करते समय ब्रांड्स को हर स्थिति का गंभीरता से आकलन करना चाहिए। संकट के समय में, ग्राहकों को संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से जानकारी देना जरूरी होता है, ताकि उनकी परेशानियों को समझा जा सके और उन्हें हल्के में नहीं लिया जाए।
Indigo को इस अनुभव से यह सीख मिलनी चाहिए कि ग्राहकों के साथ जुड़ाव बनाने के लिए केवल हास्य या मजाकिया लहजा ही पर्याप्त नहीं है। संवेदनशीलता, पेशेवर बर्ताव और ग्राहकों की भावनाओं को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस घटना के बाद उम्मीद की जाती है कि Indigo और अन्य ब्रांड्स अपने सोशल मीडिया रणनीति में इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी भी संदेश को भेजते समय वह ग्राहकों के मूड और परिस्थितियों का आकलन कर सही तरीके से संवाद करें।