Panchayat Elections: पंजाब में पंचायती चुनाव को लेकर जरूरी खबर, जानें कब होंगे?

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Panchayat Elections: पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। पंजाब में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के चुनाव सितंबर में होंगे। चुनाव न कराए जाने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी।

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याचिका में पंजाब सरकार से तत्काल चुनाव कराने की मांग की गई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि सितंबर में चुनाव करवा दिए जाएंगे।

Punjab- Haryana High Court
Punjab- Haryana High Court

10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के मुताबिक, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर 2023 तक और ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर 2023 तक होने थे। याचिकाकर्ता रुलदा सिंह ने कोर्ट में वकील दिनेश कुमार और शिखा सिंगला के माध्यम से तर्क दिया कि जनवरी में ग्राम पंचायतों को भंग करने के बाद भी चुनाव नहीं हुए हैं।

भारत के संविधान का उल्लंघन

याचिकाकर्ता के मुताबिक, चुनाव ना करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन है। इसमें पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराने का आदेश है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनाव कराने में राज्य की विफलता पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 15 और संवैधानिक आवश्यकताओं दोनों का उल्लंघन है। जनहित याचिका में शीघ्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश देने की मांग की गई थी।

Punjab Elections
Punjab Elections

13 हजार से ज्यादा पंचायतें

राज्य में बीते साल दिसंबर के अंत में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया।

राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषद हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं।

समय से पहले पंचायतें भंग करने को लेकर हुआ था विवाद

पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है।

वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुन कर भेजे गए हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था।

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