Punjab News: बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए हर जिले में स्थापित होगी अडॉप्शन एजेंसी: डॉ. बलजीत कौर

k.roshan257@yahoo.com
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब सरकार द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य के हर जिले में अडॉप्शन एजेंसी स्थापित की जा रही है और बेसहारा और अनाथ बच्चों को गोद लेने के संबंध में ढांचे को मजबूत करने के लिए 172 नई पदों का सृजन किया जा रहा है।

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आज महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, चंडीगढ़ में अडॉप्शन रेगुलेशन, 2022 संबंधी राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए लगातार काम कर रही है।

Adoption Agencies to be Established in Every District to Simplify Child Adoption
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पारिवारिक माहौल दिया गया

इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग बेसहारा और अनाथ बच्चों की भलाई और सुरक्षा के लिए बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं को प्रति वर्ष 26 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सही ढंग से लागू करते हुए विभाग द्वारा 300 से अधिक बेसहारा और अनाथ बच्चों को गोद दिलाकर उन्हें पारिवारिक माहौल दिया गया है।

उन्होंने सभी अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि राज्य में प्राप्त होने वाली बच्चा गोद लेने संबंधी आवेदनों का निपटारा तय समय के भीतर करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्जनों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चे को गोद लेने के बाद माता-पिता को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में नामांकन करवाने में आने वाली समस्याओं को तुरंत हल करना सुनिश्चित किया जाए।

Adoption Agencies to be Established in Every District to Simplify Child Adoption
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माता-पिता की काउंसलिंग की जा सके

ताकि इन अनाथ और बेसहारा बच्चों को यदि किसी विदेशी जोड़े या बाहरी राज्यों के जोड़े द्वारा अपनाया जाता है, तो उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। मंत्री ने जोर देते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अडॉप्शन प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए माता-पिता के सहायता समूह बनाए जाएं, ताकि गोद लिए गए बच्चों का फॉलो-अप और माता-पिता की काउंसलिंग की जा सके।

इसी तरह, जो माता-पिता बच्चों को गोद लेना चाहते हैं, उन्हें भी गोद लेने के बाद आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी जा सके और इस उद्देश्य के लिए प्रेरित किया जा सके।

जिला मजिस्ट्रेटों से निपटारा करवाया

डॉ. बलजीत कौर ने राज्य के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बच्चा गोद लेने से संबंधित आवेदनों को मेरिट के आधार पर सत्यापित किया जाए और सही तथ्यों के आधार पर ही इन मामलों का समयबद्ध तरीके से जिला मजिस्ट्रेटों से निपटारा करवाया जाए।

सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास, विशेष मुख्य सचिव, श्रीमती राजी.पी. श्रीवास्तवा ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा द्वारा बच्चा गोद लेने वाले सभी संस्थानों को बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को राज्य में मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि हर एक बच्चे को परिवार मिल सके और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके।

Adoption Agencies to be Established in Every District to Simplify Child Adoption
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बच्चा गोद लेने संबंधी विस्तृत जानकारी

सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल ने हितधारकों का स्वागत किया। उन्होंने बच्चा गोद लेने संबंधी विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा), नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर पूनम शर्मा और कंसल्टेंट शिवानी चौहान द्वारा अडॉप्शन रेगुलेशन, 2022 के तहत बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा की गई, ताकि बच्चे के आने वाले जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके। इस मौके पर गोद ली गई बेटी की मां मीनल लाल ने अपने अनुभव साझा किए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया

इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया से संबंधित जिला प्रशासन के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर, चीफ मेडिकल ऑफिसर और मिशन वात्सल्य योजना के तहत काम कर रहे हितधारक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, बाल सुरक्षा अधिकारी, सदस्य बाल कल्याण समिति, स्पेशलाइज्ड अडॉप्शन एजेंसी (एसएए) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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