डेली संवाद | ध्रुव राठी विवाद: पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में बहुत अशांति और हिंसा देखने को मिली है। वहां के लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं। इसी दौरान, सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हो गया, जिसमें यूट्यूबर ध्रुव राठी ने बांग्लादेश की तारीफ की थी। इस वीडियो को भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया और लिखा, “सदी का जोकर!” इस ट्वीट के बाद यह वीडियो और भी तेजी से फैल गया और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
ध्रुव राठी का बयान
इस वीडियो में ध्रुव राठी ने कहा था कि बांग्लादेश ने अपने पड़ोसी देशों के लिए एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश ने कई मापदंडों पर भारत को पीछे छोड़ दिया है या छोड़ने की कगार पर है। विकास के मामले में बांग्लादेश ने अपने पड़ोसियों के लिए एक सही उदाहरण दिया है। औसतन, बांग्लादेश के लोग भारत के लोगों से ज्यादा खुश हैं।”
ध्रुव राठी का यह बयान बांग्लादेश की उस समय की स्थिति पर आधारित था, जब वहां का विकास और खुशहाली के आंकड़े अच्छे थे। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश ने आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सेवा, और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है।
ध्रुव राठी का जवाब
शहजाद पूनावाला के इस ट्वीट पर ध्रुव राठी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यह वीडियो चार साल पुराना है और उस समय के आंकड़ों के अनुसार जो कुछ भी उन्होंने कहा था, वह बिल्कुल सही था। उन्होंने पूनावाला पर आरोप लगाया कि वे इस वीडियो को संदर्भ से हटाकर शेयर कर रहे हैं और अपने फॉलोअर्स को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। राठी ने कहा, “आप इस वीडियो को वर्तमान स्थिति के साथ जोड़कर पेश कर रहे हैं, जबकि यह उस समय की सच्चाई को दिखा रहा था। इससे आप खुद ही अपनी मूर्खता साबित कर रहे हैं।”
बांग्लादेश में हिंसा
बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा की घटनाओं ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़ दिया, तब देश में हिंसा भड़क उठी। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने लगे। इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की जानें गईं और कई लोग घायल हो गए।
वर्तमान की स्थिति
मंगलवार की सुबह ढाका की स्थिति कुछ शांत नजर आई। सोमवार को हुई हिंसा के बाद, सड़कों पर फिर से बसें और अन्य सार्वजनिक वाहन चलने लगे। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को खोलना शुरू कर दिया, और सरकारी कर्मचारी अपने कार्यालय जाने लगे। बैटरी से चलने वाले रिक्शे भी सड़कों पर नजर आने लगे, जिससे यह संकेत मिला कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
शेख हसीना के घर पर हमला
जब शेख हसीना के देश छोड़ने की खबर फैली, तो लोगों में गुस्सा और बढ़ गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के घर पर हमला किया, उसे तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया और लूटपाट की। उनके आवास के अलावा, कई दूसरे सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों पर भी हमला किया गया। ढाका और उसके आसपास के इलाकों में हिंसा का यह दौर काफी भयावह था, जिसमें कई घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।