डेली संवाद, नई दिल्ली/जालंधर। Jalandhar News: पंजाब भाजपा (BJP Punjab) के नेता और पूर्व सांसद सुशील रिंकू (Sushil Rinku) ने केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) से मुलाकात कर जालंधर (Jalandhar) जिले की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों के पुनरुद्धार के लिए मांग पत्र सौंपा। रिंकू ने कहा कि जालंधर में टूरिज्म सर्किट (Tourism Circuit) का आयोजन किया किया जाएगा, इसके लिए केंद्रीय मंत्री शेखावत को आमंत्रित किया गया है।
यह भी पढ़ें: कनाडा के कॉलेजों पर आर्थिक संकट,भारतीय छात्रों की कमी के कारण हालात बिगड़े
सुशील रिंकू ने गजेंद्र सिंह शेखावत को मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि जालंधर जिला पुरातन संस्कृति वाला क्षेत्र है। यहां ऐतिहासिक वृंदा देवी गुफा मंदिर, सिद्ध शक्ति पीठ मां अन्नपूर्णा मंदिर और इमाम नासिर दरगाह है। इन तीनों ऐतिहासिक स्थलों के पुनरुद्धार की जरूरत है, क्योंकि इन तीनों स्थलों की पुरातन मान्यता है।
तुलसी विवाह पर विशेष समागम
सुशील रिंकू ने बताया कि वृंदा देवी गुफा मंदिर मोहल्ला कोट किशनचंद में स्थित है। मान्यता है कि यहां एक प्राचीन गुफा थी, जो सीधी हरिद्वार तक जाती थी। मान्यता है कि भगवान विष्णु द्वारा सतीत्व भंग किए जाने पर वृंदा ने यहीं आत्मदाह कर लिया था। उनकी राख के ऊपर तुलसी के पौधे का जन्म हुआ था। तुलसी देवी वृंदा का ही स्वरूप है जिसे भगवान विष्णु लक्ष्मी से भी अधिक प्रिय मानते हैं। इस मंदिर में तुलसी विवाह पर विशेष समागम होता है।
इस स्थान की चारदीवारी के बाहर एक पुराना तालाब था जो अन्नपूर्णा मंदिर को छूता था तथा एक तरफ ब्रह्मकुंड की सीमा से लगता था। आज भी यहां पुरानी छोटी ईटों की सीढ़ियां बनी हुई हैं। यह प्राचीन स्थान करोड़ों हिंदुओं के लिए पूजा स्थल है। मंदिर में प्रतिवर्ष आंवला पूजन और तुलसी पूजन समारोह/मेला आयोजित किया जाता है। मंदिर तक जाने के लिए पक्की सड़क निर्माण से लेकर मंदिर का जीर्णोंद्वार कराना बहुत जरूरी है।
मां अन्नपूर्णा मंदिर में पिंडी मूर्ति के रूप में विद्यमान है
सुशील रिंकू ने कहा कि जालंधर में ही मोहल्ला कोटकिशन चंद में सिद्धशक्ति पीठ मां अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर है। जो हजारों साल पुराना है और इसके इतिहास का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। ऐसी मान्यता है कि माता सती के बाएं स्तन का अंग यहीं गिरा था और वह आज भी मां अन्नपूर्णा मंदिर में पिंडी मूर्ति के रूप में विद्यमान है।
यहां कार्तिक शुक्ल अष्ट (गोपाष्टमी) से कार्तिक पूर्णिमा तक विशाल मेला लगता है। मंदिर में दूर-दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान तुलसी पूजा, आंवला पूजा और तुलसी विवाह भी होता है। यहां पहुंचने के लिए संकरी गलियों से होकर गुजरना पड़ता है। ढंग से रास्ता नहीं है। मंदिर ट्रस्ट की मांग है कि इन मंदिरों को आपस में जोड़ने वाले एक लिंक रोड बनाई जाए, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन आसानी से हो सके।
इमाम नासिर के विकास के लिए भी केंद्रीय मंत्री से मांग
इसके साथ ही सुशील रिंकू ने जालंधर के ऐतिहासिक इमाम नासिर के विकास के लिए भी केंद्रीय मंत्री से मांग की। रिंकू ने बताया कि शहर के मध्य में स्थित इमाम नासिर दरगाह के बारे में दावा किया जाता है कि वह लगभग 1150 वर्ष पुरानी है और मुस्लिम समुदाय की बड़ी मान्यता है।
किंवदंती है कि सूफी संत बाबा शेख फरीद जी ने जीभ काटकर इस स्थान पर 40 दिनों तक भगवान की पूजा की थी। मस्जिद का नाम सूफी संत इमाम नसीरुद्दीन के नाम पर पड़ा है जो जालंधर आए थे और उन्होंने इस जगह का निर्माण कराया था। पंजाब में पुरातत्व रुचि की वस्तुओं की संशोधित सूची में भी दरगाह का विशेष उल्लेख किया गया है और मस्जिद को 800 साल पुराना बताया गया है।
दरगाह का विशाल इतिहास लुप्त होता जा रहा
यहां एक वार्षिक उत्सव मनाया जाता है जो 3 दिनों तक चलता है और इसमें भारत और विदेश के मुस्लिम समुदाय समान रूप से भाग लेते हैं। दरगाह का विशाल इतिहास लुप्त होता जा रहा है, जिससे मस्जिद में आने वाले लोगों की संख्या घट रही है। इससे इसका रखरखाव भी नहींं हो पा रहा है। केंद्र सरकार से मांग है कि इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में मान्यता प्रदान करे।
सुशील रिंकू ने कहा कि जालंधर जिले में एक पर्यटन सर्किट का आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आमंत्रित किया गया है। जिससे केंद्रीय मंत्री जालंधर के इन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर यथास्थित देख सकें और इन स्थानों के विकास के लिए केंद्र सरकार मदद कर सके।