डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 12 August 2024: आज सोमवार है, तारीख है 12 अगस्त 2024। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 12 अगस्त यानी आज सावन महीने का चौथा सोमवार है। यह दिन शिव-शक्ति को समर्पित होता है। इस दिन ऋषि-मुनि संग सामान्य जन भगवान शिव के निमित्त सोमवार का व्रत रखते हैं।
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इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। सावन माह के चौथ सोमवार पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं।
मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी
इन योग में शिव-शक्ति की पूजा-आराधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, पंडित प्रमोद शास्त्री से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।
सावन सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Somwar Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि आज 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। साधक दिन की बेला में भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
शिव योग
सावन माह के चौथे सोमवार पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग प्रातः काल 07 बजकर 55 मिनट से हो रहा है। इस शुभ योग का समापन संध्याकाल 08 बजकर 48 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी।
शुभ योग
सावन सोमवार पर शुक्ल और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शुक्ल योग संध्याकाल 04 बजकर 26 मिनट तक है। इसके बाद ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष दोनों योग को शुभ मानते हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
आज का पंचांग (Panchang 12 August 2024)
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 01 मिनट पर
चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रास्त– रात 11 बजकर 35 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से 03 बजकर 47 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर