डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके मास्टरमाइंड सुनील भंडारी उर्फ नाटा, जो हाल ही में फिरोजपुर में हुई हत्याओं और अन्य घिनौने अपराधों में पुलिस को जरूरी था, सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार कर संभावित आपराधिक गतिविधियों को सफलतापूर्वक टाल दिया है।
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इसकी जानकारी देते हुए पंजाब के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने आज बताया कि गिरफ्तार किए गए अन्य चार आरोपियों की पहचान राहुल भंडारी, वरिंदर सिंह, करन, और अमनदीप सिंह के रूप में हुई है, जो सभी फिरोजपुर के निवासी है।
इनोवा क्रिस्टा सहित दो वाहन जब्त
एजीटीएफ की टीमों ने आरोपियों से पांच आधुनिक हथियार भी बरामद किए है, जिनमें .30 बोर के तीन चीनी पिस्तौल और .32 बोर के दो पिस्तौल सहित 40 कारतूस शामिल है। इसके अतिरिक्त, पुलिस टीम ने आरोपियों की महिंद्रा एक्सयूवी 700 और इनोवा क्रिस्टा सहित दो वाहनों को भी जब्त कर लिया है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपी नाटा 31 जुलाई 2024 को फिरोजपुर में लवप्रीत सिंह के दिन-दिहाड़े सनसनीखेज हत्या का मास्टरमाइंड है और आरोपी राहुल भंडारी और वरिंदर भी उसके साथ मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
हाईवे के पास घेरकर गिरफ्तारी
इस कार्रवाई के विवरण देते हुए एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, एआईजी संदीप गोयल की निगरानी में डीएसपी विक्रमजीत सिंह बराड़ की अगवाई वाली एजीटीएफ टीमों ने आरोपियों का पता लगाकर उन्हें राजपुरा में नैशनल हाईवे के पास घेरकर सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड है। इस अनुसार, आरोपी नाटा के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश आदि सहित लगभग 15 एफआईआर दर्ज है, आरोपी राहुल भंडारी पर दो हत्याओं सहित चार आपराधिक मामले दर्ज है।
12 एफआईआर दर्ज
आरोपी वरिंदर पर हत्या से संबंधित एक आपराधिक मामला दर्ज है और आरोपी अमनदीप सिंह पर हत्या की कोशिश, लूटपाट, एनडीपीएस और आबकारी एक्ट से संबंधित अपराधों सहित लगभग 12 एफआईआर दर्ज है, जबकि आरोपी करन पर हत्या की कोशिश सहित दो आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि करन सुनील भंडारी उर्फ नाटा का दूर का रिश्तेदार है और वह इस गिरोह के लिए छुपने के स्थानों का प्रबंध करता था, जबकि अमनदीप सिंह, जो पेशे से ड्राइवर है और गिरफ्तारी के समय भी एसयूवी चला रहा था, आरोपियों को राज्य से भागने में मदद कर रहा था।