Asam bomb ulfa: असम में हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुए बम धमाकों ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन धमाकों के पीछे उल्फा-आई (Asam bomb ulfa) के संबंध को लेकर पुलिस अब तक कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पाई है।
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इसके चलते असम पुलिस ने मामले की जांच में मदद करने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। इस कदम से पुलिस को उम्मीद है कि उल्फा-आई से जुड़े दोषियों तक पहुंचा जा सकेगा।
Asam bomb ulfa : उल्फा-आई और बम धमाके
उल्फा-आई (Ulfa-I) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर असम के अलग अलग स्थानों पर बम प्लांट करने की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, संगठन ने दावा किया कि तकनीकी खामियों के चलते ये बम विस्फोट नहीं कर सके। उल्फा-आई ने इस घटना को सरकार के खिलाफ एक “सशस्त्र विरोध” के रूप में परिभाषित किया है। संगठन की इस कार्रवाई ने राज्य में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।
पुलिस की जांच और जनता से अपील
असम पुलिस ने इस मामले में जनता से सहयोग की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि जो भी व्यक्ति बम बनाने, उन्हें ट्रांसफर करने और प्लांट करने के बारे में पुख्ता जानकारी देगा, उसे 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह इनाम असम में शांति और सुरक्षा की बहाली के लिए एक जरूरी कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही, पुलिस ने जानकारी देने के लिए व्हाट्सएप नंबर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का भी जिक्र किया है।
असम में इस बम धमाके की घटना ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने असम सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि राज्य पुलिस और सरकार स्वतंत्रता दिवस के दौरान भी सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही है। कांग्रेस का आरोप है कि उल्फा-आई (Asam bomb ulfa) का यह हमला मुख्यमंत्री के उन दावों को झूठा साबित करता है, जिसमें उन्होंने राज्य में आतंक को समाप्त करने की बात कही थी।
मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग
रायजोर दल के प्रमुख और सिवसागर के विधायक अखिल गोगोई ने मुख्यमंत्री सरमा से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बम धमाके के बाद मुख्यमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उनका कहना है कि भाजपा सरकार का दावा था कि असम को आतंक से मुक्त किया जाएगा, लेकिन इस घटना ने उनकी नाकामी को खुलासा कर दिया है।