Pune railway station flooded: पुणे रेलवे स्टेशन पर शनिवार को अचानक हुई भारी बारिश ने पूरे स्टेशन परिसर को जलमग्न कर दिया, जिससे यात्रियों को अपने सामान को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। स्टेशन का पोर्टिको और मुख्य द्वार के अलावा प्लेटफार्म नंबर 4 पर भी पानी भर गया, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
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Pune railway station flooded: सोशल मीडिया पर यात्रियों ने जताई नाराज़गी
इस जलभराव के चलते यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी समस्याओं को साझा किया। यात्रियों ने प्लेटफार्म पर जमा हुए पानी की वजह से फिसलन और सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त की, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए। यात्रियों का कहना था कि उन्हें सूखी जगह की तलाश में कठिनाई हो रही है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में भीड़ भी बढ़ गई।
Pune Railway Station on the night of 17 August
— Rafique Shaikh (@RafiqueShaikh_) August 18, 2024
Who is responsible for this pic.twitter.com/dRIJr1o61n
रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य का बयान
क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (ZRUCC) और मंडल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (DRUCC) के सदस्य, विकास देशपांडे ने बताया कि प्लेटफार्म पर पानी जमा हो गया है, जिससे फिसलन हो रही है और यात्रियों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति असुरक्षित हो गई है। उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने तुरंत मरम्मत की मांग की है ताकि आगे और असुविधा और संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
पुणे के मंडल रेल प्रबंधक, इंदु दुबे ने बताया कि स्टेशन के छतरी द्वार क्षेत्र की ढलान पड़ोसी सड़कों की तुलना में थोड़ी कम है, जिससे पानी स्टेशन परिसर में आकर जमा हो गया। हालांकि, समस्या के सामने आते ही रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत पानी निकासी की व्यवस्था की।
इंदु दुबे ने यह भी बताया कि भविष्य में इस तरह की समस्या से बचने के लिए रेलवे ने स्टेशन और यार्ड के नीचे 120 मीटर लंबी और 1.2 मीटर व्यास की पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई है, जिसे माइक्रो-टनलिंग तकनीक का उपयोग करके बिछाया जाएगा।
प्लेटफार्म 4 पर छत से पानी टपकने का कारण
प्लेटफार्म नंबर 4 की छत से पानी टपकने के सवाल पर इंदु दुबे ने कहा कि भारी बारिश के दौरान यात्रियों द्वारा फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलें और कचरा प्लेटफार्म की छत के गटर में जमा हो गया था, जिससे उस गटर की जल निकासी क्षमता कम हो गई और पानी प्लेटफार्म पर बहने लगा। जैसे ही इस समस्या का पता चला, स्टाफ ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गटर से कचरा साफ किया, जिसके बाद पानी का टपकना बंद हो गया।
इस जलभराव और असुविधा की स्थिति ने एक बार फिर यह साफ़ कर दिया है कि मानसून के दौरान पब्लिक जगहों पर जल निकासी की व्यवस्था कितनी जरूरी है। यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढ़ने की अपील की है ताकि भविष्य में उन्हें इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।