Canada Labor Board News: कनाडा के स्वतंत्र औद्योगिक संबंध बोर्ड (Industrial Relations Board) ने देश की दो सबसे बड़ी रेलवे कंपनियों के कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने और विवाद को हल करने के लिए बाध्यकारी मध्यस्थता (Binding Arbitration) में शामिल होने का आदेश दिया है। यह निर्णय तब लिया गया है जब यह विवाद उत्तरी अमेरिकी सप्लाई चेन में बाधा डाल रहा था।
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Canada Labor Board
कनाडा की दो प्रमुख रेल कंपनियाँ – कनाडियन नेशनल रेलवे (CN) और कनाडियन पैसिफिक कैन्सस सिटी (CPKC) – के कर्मचारी 22 अगस्त 2024 से हड़ताल पर थे। यह हड़ताल तब शुरू हुई जब श्रमिकों और कंपनी के बीच बातचीत फेल हो गई। इस विवाद का मेन कारण शेड्यूलिंग और कर्मचारियों की थकान से जुड़े मुद्दे थे। इन मुद्दों पर बनी पुरानी सहमति 2023 के अंत में समाप्त हो गई थी, जिसके बाद से यह विवाद जारी था।
कनाडा के श्रम मंत्री स्टीवन मैककिनन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कनाडा इंडस्ट्रियल रिलेशंस बोर्ड (CIRB) से इंटरफेरेंस करने की अपील की। मैककिनन ने सुझाव दिया कि हड़ताल के कारण कनाडाई नागरिकों की रहन सहन, सुरक्षा और समुदायों पर प्रभाव पड़ रहा था, और इसलिए रेल कर्मचारियों को काम पर लौटना जरूरी था।
CIRB ने शनिवार को एकमत से यह फैसला सुनाया कि बोर्ड के पास मंत्री के निर्देशों को लागू करने से इनकार करने या उनमें बदलाव करने की कोई शक्ति नहीं है। इस फैसले के बाद CN ने शुक्रवार सुबह से ही अपनी सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया, जबकि CPKC के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। हालाँकि, बोर्ड के आदेश के बाद अब रेलवे कंपनियाँ पूरी तरह से अपने संचालन को फिर से शुरू कर सकती हैं।
टीमस्टर्स यूनियन, जो दोनों रेल कंपनियों के लगभग 10,000 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है, ने शुक्रवार शाम को एक बयान में कहा कि वे CIRB के किसी भी निर्णय का कानूनी रूप से पालन करेंगे। हालाँकि, यूनियन इस निर्णय के खिलाफ संघीय अदालत (federal court) में अपील करने की संभावना भी जता रही है। यूनियन ने सरकार पर यह आरोप लगाया है कि उसने हड़ताल के अधिकार को रोक कर श्रमिक संघों की स्वतंत्रता और उनके वेतन और काम की स्थिति सुधारने के आधार को कमजोर किया है।
कनाडा और अमेरिका के व्यापार समूहों ने इस हड़ताल के चलते कनाडा सरकार से इंटरफेरेंस की मांग की थी। इस विवाद के कारण दोनों देशों के बीच जुड़े हुए सप्लाई चेन में बाधा बन गया था, जिससे हर दिन लगभग 1 बिलियन कैनेडियन डॉलर की कीमत के सामान की रेल द्वारा ढुलाई पर असर हो रही थी। खास रूप से कोयला, गेहूं, उर्वरक और लकड़ी जैसी वस्तुओं की ढुलाई में देरी हो रही थी, जो कनाडा के बंदरगाहों के माध्यम से दोनों देशों के बीच परिवहन की जाती हैं।