डेली संवाद, जालंधर। GST Scam in Jalandhar: जालंधर (Jalandhar) में बड़े पैमाने पर हो रही GST चोरी को रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्स जालंधर डिवीजन ने बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी (GST) विभाग ने कहा है कि सभी इमीग्रेशन कंपनियों (Immigration companies) और ट्रैवल एजैटों (Travel Agencies) को जीएसटी (GST) नंबर लेना होगा। इसके लिए जीएसटी (GST) विभाग ने जालंधर (Jalandhar) के डीसी को पत्र लिखा है कि बिना GST नंबर के ट्रैवल एजैंटों को लाइसेंस न दिया जाए।
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पंजाब (Punjab) में दोआबा (Doaba) का जालंधर (Jalandhar) इस समय इमीग्रेशन (Immigration) और ट्रैवल एजैंटों (Travel Agent) का अड्डा बन गया है। जालंधर के डीसी की वेबसाइट के मुताबिक 1700 से ज्यादा ट्रैवल एजैंट अकेले जालंधर में रजिस्टर्ड हैं। जबकि अवैध रूप से इमीग्रेशन और ट्रैवल एजैंट का काम करने वाले की संख्या कहीं ज्यादा है।
584 ट्रैवल एजैंटों के पास GST नंबर नहीं
जालंधर में 1700 से ज्यादा ट्रैवल एजैंटों में से 584 ट्रैवल एजैंटों के पास GST नंबर नहीं है। इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह अरोड़ा ने किया है। करण के मुताबिक ट्रैवल एजैंट लाखों रुपए का कारोबार हर महीने करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो पोस्ट कर ये ट्रैवल एजैंट खुद दावा करते हैं कि उनकी कमाई लाखों रुपए महीने की है।
इसे देखते हुए जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर ने जालंधर के डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल को पत्र लिखा है। जीएसटी विभाग ने कहा है कि बिना जीएसटी नंबर के किसी भी इमीग्रेशन कंपनी और ट्रैवल एजैंट को लाइसेंस जारी न किया जाए। इसके लिए जीएसटी विभाग ने जीएसटी एक्ट 2017 का हवाला दिया है। जिसमें कहा गया है कि लाइसेंस लेना जरूरी है।
हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान
आपको बता दें कि जालंधर में आए दिन ट्रैवल एजैंट लोगों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करते हैं। लोगों को तो ये ट्रैवल एजैंट ठगते ही हैं, सरकार को भी तगड़ा चूना लगा रहे हैं। जीएसटी नंबर न होने पर स्टेट जीएसटी और सैंट्रल जीएसटी को हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। जिसके चलते ये कदम उठाया गया है।