कौन हैं ये Barry Stanton जिनके ‘X’ अकाउंट पर बैन लगा? जानें इस विवादित अकाउंट के पीछे का सच

Daily Samvad
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हाल ही में Barry Stanton नाम का एक व्यक्ति चर्चा में आया है, जिनका ‘X’ (पहले ट्विटर) पर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है। इस अकाउंट पर भारतीय प्रवासियों और दूसरी जातीय समुदायों के खिलाफ अश्लील पोस्ट की जा रही थी, जिसके बाद भारतीय यूजर्स ने इसका कड़ा विरोध किया। लेकिन सवाल यह है कि बैरी स्टैंटन कौन हैं, और उनके अकाउंट पर बैन क्यों लगा?

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Barry Stanton कौन हैं?

Barry Stanton का ‘X’ अकाउंट काफी समय से जागरूक था और उसके 1.8 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे। यह अकाउंट ‘X’ पर वेरिफाइड था, लेकिन इसके बावजूद इसकी पहचान सस्पीशियस थी। कई लोगों का मानना है कि यह एक पैरोडी अकाउंट हो सकता है, जो किसी नस्लवादियों का मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था, या फिर यह एक असली व्यक्ति का अकाउंट था जो नस्लवादी विचारों को खुलेआम जाहिर कर रहा था।

Barry Stanton के पोस्ट और विवाद

Barry Stanton के अकाउंट से कई असलील पोस्ट किए गए थे। उनमें से कुछ में भारतीय प्रवासियों को “सफेद इलाकों” से निकालने की बात की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने काले लोगों, यहूदियों और दूसरी जातीय समुदायों के खिलाफ भी भद्दी टिप्पणियां की थीं। उदाहरण के लिए, एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “काले लोग क्यों सोचते हैं कि कॉमेडी सिर्फ जोर से चिल्लाने वाले लोगों का काम है?”

इस अकाउंट की सामग्री को लंबे समय से नस्लवादी और नफरत फैलाने वाला माना जा रहा था। एक 2017 के ट्वीट में लिखा था, “जब मैं लंदन जाऊं, तो मैं ब्रिटिश लोगों को अंग्रेजी बोलते हुए देखना चाहता हूं, न कि सोमालियों को हिजाबी पहने हुए।”

भारतीय यूजर्स ने बैरी स्टैंटन के इन पोस्ट्स पर गहरी नाराजगी जताई। एक भारतीय यूजर, अक्षित सिंह ने इसे लेकर भारतीय हाई कमीशन और सूचना एवं प्रसारण मंत्री से संपर्क किया, जिसके बाद अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया।

इस बैन के बाद बैरी स्टैंटन का नाम ‘X’ पर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। हालांकि, किसी को भी पक्के तौर पर यह नहीं पता कि बैरी स्टैंटन कौन हैं, और उनके अकाउंट के पीछे कौन था।

क्या Barry Stanton का अकाउंट पैरोडी था?

कई रिपोर्ट्स के अनुसार, बैरी स्टैंटन का अकाउंट एक पैरोडी अकाउंट हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि यह अकाउंट असल में एक नस्लवादी व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था, जबकि कुछ का कहना है कि यह नक्सली द्वारा नस्लवाद का मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। इसके प्रोफाइल पिक्चर में एक बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर थी, जिसे वूस्टरशायर के एक पेंशनर की तस्वीर बताया जा रहा था, लेकिन यह तस्वीर असली नहीं थी।















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