डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) द्वारा प्रस्तुत किए गए पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट 1995 (पापरा एक्ट 1995) में किए गए संशोधन को पंजाब की अर्थव्यवस्था को सुधारने और आम लोगों को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार देते हुए इसकी प्रशंसा की।
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पंजाब विधानसभा में इस संशोधन का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने कहा कि यह संशोधन पंजाब के उन लोगों को बड़ी राहत देने की तरफ बड़ा कदम है, जिन्हें 31 जुलाई, 2024 से पहले लिखित समझौते के तहत खरीदे गए छोटे-छोटे प्लॉटों के लिए अब एनओसी प्रक्रिया का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि वह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का आम लोगों के बारे में सोचने और यह संशोधन लाने के लिए धन्यवाद करते हैं।
एक्ट का उद्देश्य अवैध कॉलोनियों को रोकना था
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि 1995 में बने पापरा एक्ट का उद्देश्य अवैध कॉलोनियों को रोकना था, लेकिन कांग्रेस और अकाली-भाजपा की पिछली सरकारों की नाकामियों के कारण ये अवैध कॉलोनियां बड़े पैमाने पर फैल गईं, जिनमें पानी की आपूर्ति, सीवरेज और चौड़ी सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये कॉलोनियां धोखाधड़ी गतिविधियों का अड्डा बन गई हैं, जहां भोले-भाले लोगों को गुमराह करके उनका शोषण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन के साथ 500 गज तक के प्लॉटों के लिए अब एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी और वे बिना किसी कठिनाई के बिजली कनेक्शन, सीवरेज और रजिस्ट्री जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
सरकारी खजाने के लिए राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद
वित्त मंत्री ने कि इस कदम से सरकारी खजाने के लिए राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे सरकार द्वारा इन कॉलोनियों में बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जाएगा।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि यह पंजाब के इतिहास में एक बड़ा निर्णय है और इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो अपने प्लॉटों की रजिस्ट्री करवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन प्लॉटों की रजिस्ट्री होने से राज्य के खजाने में राजस्व भी प्राप्त होगा।