डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब के कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री के करीबी को ईडी (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी 2000 करोड़ के ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाले के मामले में की गई है। ईडी (ED) ने छापा मारकर आढ़ती को गिरफ्तार किया है, आढ़ती के दफ्तर से कई अहम सुराग भी मिले हैं।
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जानकारी के मुताबिक पंजाब (Punjab) के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) के करीबी खन्ना के कांग्रेसी नेता राजदीप सिंह (Rajdeep Singh) को देर रात ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार की सुबह 4 बजे से राजदीप सिंह के ठिकानों पर रेड चल रही थी। राजदीप सिंह खन्ना में आढ़ती हैं।
राजदीप सिंह के घर और दफ्तर में रेड
राजदीप सिंह की गिरफ्तारी उसी मामले में हुई है, जिसमें भारत भूषण आशू को बीते माह गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने बुधवार खन्ना के गांव इकोलाही में राजदीप सिंह के घर और खन्ना मंडी स्थित आढ़त की दुकान पर भी रेड की थी। गिरफ्तारी के बाद राजदीप सिंह को आज अदालत में पेश करके रिमांड लिया जाएगा।
ईडी के छापे से हड़कंप
जालंधर से ईडी की टीम बुधवार की सुबह 4 बजे खन्ना पहुंची थी। इकोलाही में राजदीप के घर व मंडी में आड़त की दुकान के अलावा टीमें खन्ना के सिटी सेंटर में पहुंची थी। रिकॉर्ड चेक करने के बाद ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कब्जे में लिया है। ईडी ने राजदीप सिंह के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के तहत कार्रवाई की है।
बता दें कि सिटी सेंटर, पूर्व मंत्री करम सिंह गिल के बेटे एवं समराला से कांग्रेस के हलका इंचार्ज रुपिंदर सिंह राजा गिल का है। राजदीप सिंह, राजा गिल के भी बेहद करीबी है। सिटी सेंटर से कुछ फाइलें ईडी ने अपने कब्जे में लीं।
क्या है टेंडर घोटाला
श्रम परिवहन टेंडर घोटाले में आरोपी वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अनाज मंडियों में माल का परिवहन करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा लिए थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखवाए गए थे, वे स्कूटर, बाइक आदि दोपहिया वाहनों के थे। जिन वाहनों पर ये नंबर लगे हैं, वे माल ढोने के लिए मान्य नहीं हैं।
इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं।
आशु पर भी टेंडरिंग में 2 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है। विजिलेंस के बाद इसकी जांच ईडी ने शुरू की। जिसमें अगस्त महीने में भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया गया था।