डेली संवाद, नई दिल्ली। Arvind Kejriwal: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बड़ा ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा है कि वे सीएम (CM) पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि वे 2 दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
यह भी पढ़ें: पत्नी संग कम खर्च में बाली घूमने का शानदार मौका, जानें कितना खर्च होगा
अरविंद केजरीवाल रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर में अपने नेताओं और वर्करों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। दो-तीन दिन में विधायकों की बैठक में नया CM चुना जाएगा।
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर भी वही आरोप हैं, जो मुझ पर हैं। उनका भी यही सोचना है कि वे भी पद पर नहीं रहेंगे, चुनाव जीतने के बाद ही पद संभालेंगे।
पढ़ें केजरीवाल ने क्या कहा…
अरविंद केजरीवाल सभा में भगत सिंह की जेल में लिखी किताब “भगत सिंह की जेल डायरी” लेकर पहुंचे। कहा कि भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे। मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करूं।
खुद को क्रांतिकारी बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। 15 अगस्त से 3 दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए। चिट्ठी एलजी तक नहीं गई।
PM जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा। केजरीवाल ने कहा- मैं सभी नॉन भाजपा सीएम से प्रार्थना करता हूं। अगर PM जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना। हम सबको मिलकर लड़ना है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बहुमत से सरकार आई और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे। इनका फॉर्मूला आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि फरवरी में चुनाव हैं, मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में कराए जाएं। महाराष्ट्र के साथ चुनाव हों। आपका फैसला आने तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा। आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा।
केजरीवाल के इस्तीफे के मायने
दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो CM ऑफिस नहीं जाएंगे और ना ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोकलुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सिंपथी है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इस सिंपथी को भुनाना चाहेंगे।
मैंने तो इस्तीफा दे दिया
दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। अब वे भाजपा नेताओं के हर हमले का जवाब सकेंगे कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया।
शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था।
156 दिन तिहाड़ जेल में
शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया। 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। इस तरह से वे 156 दिन तिहाड़ जेल में बिता चुके हैं।