डेली संवाद, कनाडा। PR In Canada: आज के समय में पंजाब (Punjab) के लोगों की पहली पसंद कनाडा (Canada) बना हुआ है। पंजाब के ज्यादातर छात्र कनाडा (Canada) जाकर पढ़ाई करना चाहते है युवा कनाडा (Canada) के बेहतरीन संस्थानों से पढ़ने का मौका ढूंढते हैं।
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पढ़ाई के लिए विदेश (Study in Canada) जाने की बात आती है तो भारतीय स्टूडेंट्स (Indian Students) इस लिस्ट में सबसे ऊपर कनाडा (Canada) को ही रखते हैं। वहीं भारीतय छात्रों के कनाडा को पंसद करने की कई वजहें हैं। बता दें कि बेहतर जिंदगी जीने के लिए कनाडा से दूसरी कोई ओर जगह नहीं है।
आज के समय में कनाडा को सबसे बेहतर जगह माना जाता है। इसका मुख्य कारण एक और भी है कि यहां के जीवन की गुणवत्ता शानदार होती है लेकिन पिछले कई महीनों से कनाडा सरकार लगातार भारतीय को झटके पर झटका दे रही है।
एक्सप्रेस एंट्री एक ऑनलाइन सिस्टम
बता दे कि जिन विदेशी छात्रों ने ‘डेजिगनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन’ (DLI) से पढ़ाई की हुई होती है, उन्हें कनाडा एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में एक्सट्रा प्वाइंट्स मिलते हैं। एक्सप्रेस एंट्री एक ऑनलाइन सिस्टम है, जो उन स्किल वर्कर के एप्लिकेशन को मैनेज करने का काम करती है, जो स्थायी रूप से कनाडा में इमिग्रेट यानी रहना चाहते हैं।
एक्सप्रेस एंट्री वह प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल परमानेंट रेजिडेंस (पीआर) हासिल करने के लिए किया जाता है। इसके जरिए कनाडाई नागरिकता का रास्ता भी खुल जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि विदेशी छात्र किन बातों का ख्याल रखकर कनाडा का पीआर आसानी से हासिल कर सकते हैं।
बदलती इमिग्रेशन पॉलिसी पर रखें नजर
कनाडा में लगातार इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव हो रहा है। विदेशी छात्रों को दिए जाने वाले स्टडी परमिट की संख्या कम कर दी गई है। इस तरह की चीजों पर नजर रखना बेहद जरूरी होता है। भविष्य में परमानेंट रेजिडेंसी लेने की सोच रहे भारतीय छात्रों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
डिमांड में रहने वाले प्रोफेशन की पढ़ाई
कनाडा में आने वाले भारतीय छात्रों को हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वे उन प्रोफेशन पर फोकस करें, जिनकी डिमांड कनाडा में सबसे ज्यादा है। उदाहरण के लिए हेल्थकेयर, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट जैसी फील्ड से जुड़े प्रोफेशन की डिमांड सबसे ज्यादा होती है।
प्रोविंशियल नॉमनी प्रोग्राम के बारे में रिसर्च
क्यूबेक और नुनावुत को छोड़कर कनाडा के हर प्रांत और क्षेत्र में स्किल वर्कर्स को आकर्षित करने के लिए प्रोविंशियल नॉमनी प्रोग्राम (PNP) चलाया जाता है। अगर किसी छात्र को लगता है कि उनका ‘कॉम्प्रिहेन्सिव रैंकिंग सिस्टम’ (CRS) स्कोर काफी नहीं है। या फिर उन्हें लगता है कि वे कैटेगरी बेस्ड ड्रॉ के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाएंगे, तो ऐसे हालात में उन्हें ये देखना चाहिए कि क्या वे प्रोविंशियल नॉमनी प्रोग्राम के तहत क्वालिफाई हो रहे हैं या नहीं।
भाषाओं को सुधारना
कनाडा में अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच भी बोली जाती है। इस वजह से अगर कोई भारतीय छात्र दोनों भाषाओं में माहिर है तो उसका पीआर प्रोसेस तेज हो जाएगा। फ्रेंच सीखना फायदे का सौदा होगा, क्योंकि उसके जरिए CRS स्कोर और भी ज्यादा बढ़ जाता है और पीआर पाना आसान हो जाता है।
सभी डिग्रियों का उठाएं फायदा
कनाडा में पीआर देने के दौरान उम्मीदवार के जरिए हासिल किए गए डिग्रियों को भी देखा जाता है। एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में एजुकेशन के लिए भी प्वाइंट मिलते हैं। अगर किसी छात्र के पास एक से ज्यादा डिग्री है, तो उस पर भी विचार किया जाता है। मगर इस डिग्री को कनाडाई सरकार द्वारा मान्यता मिलनी चाहिए।