Punjab News: प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने वाले अध्यापकों के पहले बैच को किया रवाना

Muskan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) ने शुक्रवार को कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार हमारी सरकार पंजाब में शिक्षा क्रांति के नए युग की शुरुआत करते हुए अध्यापकों, विद्यार्थियों और स्कूलों में निवेश कर रही है।

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फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए जाने वाले अध्यापकों के पहले बैच को रवाना करते हुए इक्ट्ठ को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन पंजाब के शिक्षा ढांचे में एक अहम मील पत्थर है क्योंकि आज हम यहाँ अपने 72 प्राइमरी अध्यापकों को पेशेवर शिक्षा के लिए फिनलैंड के सफ़र के लिए रवाना करने आए हैं।

उन्होंने कहा कि यह केवल नये मुल्क का सफ़र ही नहीं है, बल्कि पंजाब में शिक्षा के भावी छवि बनाने की दिशा में नयी अध्यापन तकनीकों, बेहतरीन रिवायतों और नए तरीकों के बारे समझने का मौका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होती है और पंजाब में राज्य सरकार शिक्षा ढांचे को सुधारने के लिए लगातार प्रयासों कर रही है जिससे हर बच्चे की बिना किसी पक्षपात से उच्च मानक शिक्षा तक पहुँच यकीनी बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब से 72 अध्यापकों को फिनलैंड भेजने की यह पहलकदमी शिक्षा के इस मंतव्य के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता दर्शाती है। उन्होंने कहा कि फिनलैंड को इसलिए चुना गया है क्योंकि अपने सबसे प्रभावशाली शिक्षा ढांचे के लिए यह मुल्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दौरा सिर्फ़ कोर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पढ़ाई की विधि, दर्शन और सृजन करना और नवीनता को उत्साहित करने का सभ्याचार पैदा करने के लिए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिनलैंड का शिक्षा ढांचा मानक, अध्यापक की स्वामित्व और विद्यार्थी केंद्रित लर्निंग पर ज़ोर देता है। यही गुण राज्य सरकार पंजाब के शिक्षा ढांचे में लाना चाहती है। अध्यापकों के साथ अपनी भावनात्मक सांझ की बात करते हुये उन्होंने अध्यापकों को भविष्य के निर्माता बताया क्योंकि अध्यापक न सिर्फ़ बच्चों को मानसिक पक्ष से विकसित करते हैं, बल्कि बच्चों में दया, ज़िम्मेदारी और नयी खोजों के लिए उत्साहित करने की भावना भर कर उनके चरित्र का निर्माण भी करते हैं।

हज़ारों विद्यार्थियों की ज़िन्दगियां निर्भर करेंगी

भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण से अध्यापकों को नयी शिक्षा रणनीतियां, क्लासरूम मैनेजमेंट युक्तियों और शिक्षा को विद्यार्थी केन्द्रित करने के लिए व्यापक पहुँच के बारे सीखने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न सिर्फ़ क्लासरूमों के माहौल में तबदीली आएगी, बल्कि इस पर हज़ारों विद्यार्थियों की ज़िन्दगियां भी निर्भर करेंगी, जिनको इस सांसारिक तजुर्बे से लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि फिनलैंड की शिक्षा में आपसी विचार-विमर्श और विद्यार्थी केन्द्रित तकनीकों पर ज़ोर दिया जाता है जिससे विद्यार्थियों की सोच को पंख दिए जा सकें और उनको मुश्किलों के हल ढूँढने और सृजन करने के लिए उत्साहित किया जाये। भगवंत सिंह मान ने कहा कि फिनलैंड में अध्यापकों को बहुत हद तक स्वामित्व हासिल है, जिससे अध्यापकों के पास अलग-अलग क्लासरूमें से ज़रूरतों के मुताबिक अलग हल लागू करने की छूट होती है।

फिनलैंड का शिक्षा माडल सिर्फ़ अकादमिक लर्निंग पर ज़ोर नहीं देता

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिनलैंड का शिक्षा माडल सिर्फ़ अकादमिक लर्निंग पर ज़ोर नहीं देता, बल्कि विद्यार्थियों के भावुक, सामाजिक और शारीरिक विकास की तरफ भी ध्यान दिया जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण से हमारे अध्यापकों को फिनलैंड के शिक्षा शास्त्रियों के साथ मिलकर काम करने, अपने नज़रिए सांझा करने और लंबे समय के लिए सहयोग का मौका मिलेगा। भगवंत सिंह मान ने आशा जतायी कि यह अध्यापक लौट कर बदलाव के दूत बनेंगे क्योंकि वह फिनलैंड में हासिल ज्ञान और हुनर के द्वारा पंजाब में शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल पैदा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को कहा कि वह इस प्रशिक्षण को एक बीज के तौर पर लें, जिससे ज्ञान का बड़ा पेड़ बनेगा, जो ख़ास तौर पर विद्यार्थियों और समूचे तौर पर पूरे भाईचारे के लिए लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में सीखी इन शिक्षा युक्तियों को पंजाब में लागू करवाने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ऐसे प्लेटफार्म सृजित करेगी, जिससे यह अध्यापक अपने इस ज्ञान के बारे दूसरे अध्यापकों को बता सकें और हमारे स्कूलों में लगातार सुधार का सभ्याचार पैदा हो।

बदलाव की पहलकदमी पर मान महसूस करें

भगवंत सिंह मान ने अध्यापकों को न्योता दिया कि वह इस बदलाव की पहलकदमी पर मान महसूस करें क्योंकि वे सिर्फ़ प्रशिक्षण के लिए नहीं जा रहे, बल्कि वह लाखों बच्चों के सपने और इच्छाएं भी साथ लेकर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को ज्ञान, सूझ-बूझ और अध्यापन के नए जज़्बे के साथ लौटने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने अध्यापकों, अपने विद्यार्थियों और अपने स्कूलों में निवेश जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य और देश की तरक्की के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है।

शिक्षा कहानी में नए अध्याय की शुरुआत होगी

सभी अध्यापकों को शुभ कामनाएँ देते हुए भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि फिनलैंड में हासिल यह तजुर्बा अध्यापकों की सोच को नयी उड़ान देगा और इससे पंजाब की शिक्षा कहानी में नए अध्याय की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में शिक्षा और सेहत प्रणाली को सुरजीत करने के लिए अथक कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों में अपने बच्चे को भेजना मजबूरी होती थी परन्तु शिक्षा प्रणाली में हो रहे सुधारों को देखते हुये माता-पिता की यह अब ख़ाहिश होगी कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं।

स्कूल आफ एमिनेंस स्थापित किए गए

भगवंत सिंह मान ने कहा कि विद्यार्थियों को मानक शिक्षा देने के लिए स्कूल आफ एमिनेंस स्थापित किए गए हैं। इसी तरह सरकारी सेहत प्रणाली को भी अपग्रेड किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी, हवा और ज़मीन की वोटें नहीं हैं तभी इन नेताओं ने इन तीनों मसलों को नजरअन्दाज किया है और राज्य के लिए चिंता का सबब बने इन बड़े मुद्दों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बड़े स्तर पर प्रदूषण के कारण यह तीनों ही कुदरती स्रोत दूषित हुए हैं, जिस कारण इससे समाज को अपूर्णीय क्षति हो रही है।

सड़क हादसों में मौतों की गिनती में कमी आई

उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद वातावरण को बचाने, नहरी प्रणाली का कायाकल्प करने और समाज की बेहतरी के लिए और मिसाली कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत करके ऐतिहासिक पहलकदमी की है और अपने अस्तित्व से आठ महीनों में इससे सड़क हादसों में मौतों की गिनती में 45 प्रतिशत से अधिक कमी आई है।

15309 ज़ख्मियों को प्राइमरी डाक्टरी सहायता दी गई

उन्होंने कहा कि फरवरी से सितम्बर 2023 तक राज्य में घटे सड़क हादसों में 1454 व्यक्तियों की जान गई, जबकि इस फोर्स की शुरुआत के बाद फरवरी 2024 से सितम्बर 2024 तक घटे सड़क हादसों में 794 जानें गई। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस समय के दौरान 15309 ज़ख्मियों को प्राइमरी डाक्टरी सहायता दी गई। उन्होंने बताया कि किसी हादसे की सूरत में सड़क सुरक्षा फोर्स छह से आठ मिनट में मौके पर पहुंच जाती है और यह फोर्स लोगों के लिए ‘जीवन रक्षक’ बन कर उभरी है।

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