डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 04 November 2024: आज 04 नवंबर 2024 की तारीख है, दिन है सोमवार (Monday)। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी सोमवार 04 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।
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इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। जबकि, कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज देर रात 11 बजकर 24 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन मनचाहा वर पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।
शुभ योग (Shubh 2024 Yog)
पंडित प्रमोद शास्त्री के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसके साथ ही तैतिल और गर करण का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
स्वाति नक्षत्र
आज यानी 04 नवंबर को ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ज्योतिष ज्येष्ठा नक्षत्र को शुभ मानते हैं।
इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर शिव-शक्ति की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध पूर्ण होंगे। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।
आज का पंचांग ( Aaj ka Panchang 04 November 2024)
- सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 33 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 33 मिनट से 06 बजे तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
अशुभ समय
- राहु काल – सुबह 07 बजकर 58 मिनट से 09 बजकर 20 मिनट तक
- गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
- दिशा शूल – पूर्व
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ