डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर (Jalandhar) के न्यू जवाहर नगर (New Jawahar Nagar) में कोठी नंबर 462 की गलत रजिस्ट्री करवाकर करोड़ों रुपए हड़पने की साजिश में पुलिस ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के क्लर्क संजीव कालिया उर्फ बॉबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसकी पुष्टि SHO कमलजीत सिंह ने की है। इस मामले में पहले से ही कुछ मुलाजिमों पर एफआईआर दर्ज है।
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जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (Jalandhar Improvement Trust) के मुलाजिमों ने अपने बयान में संजीव कालिया उर्फ बॉबी का नाम लिया है। इन आरोपी मुलाजिमों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि जिस समय ये रजिस्ट्री हुई उस समय संजीव कालिया की ड्यूटी थी। संजीव कालिया इस समय होशियारपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में तैनात है।
कोठी संख्या 462 की गलत रजिस्ट्री
जानकारी के मुताबिक जालंधर (Jalandhar) के न्यू जवाहर नगर में कोठी संख्या 462 की कीमत करोड़ों रुपए है। करीब 50 मरले में बनी यह कोठी बाहर से खंडहर लग रही है। लेकिन इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है। क्योंकि ये रोड कामर्शियल है, जिससे यहां जमीन कामर्शियल है। जिससे इस पूरी कोठी को हड़पने की बड़ी साजिश रची गई।
इस कोठी की रजिस्ट्री साल 2011 में गलत तरीके से चेयरमैन रहे बलजीत सिंह नीलामहल के समय हुई। तब जांच में कहा गया कि साल 1982 में इस कोठी को गुरमीत सिंह, अमरीक सिंह और जगमोहन सिंह पुत्रगण बख्शीस सिंह के नाम पर की गई थी।
क्लर्क संजीव कालिया उर्फ बॉबी का नाम
लेकिन साल 2011 में इस कोठी को गलत तरीके से राजवंत कौर पत्नी जगमोहन सिंह के नाम पर कर दी गई। आरोप लगाया गया कि क्लर्क रहे मुख्तियार सिंह और पवन कुमार ने इस फाइल में छेड़खानी की है। जिससे पुलिस ने इन दोनों मुलाजिमों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। इसे लेकर मुख्तियार सिंह और पवन कुमार ने पुलिस को दिए बयान में जालंधर में तैनात रहे क्लर्क संजीव कालिया उर्फ बॉबी का नाम लिया है।
ट्रस्ट के इन मुलाजिमों ने पुलिस को बताया कि जब उक्त कोठी की रजिस्ट्री करवाई गई तो उस समय क्लर्क संजीव कालिया तैनात थे। इस बयान के बाद पुलिस ने संजीव कालिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में चर्चा यह है कि इस कोठी की गलत रजिस्ट्री करवा कर कुछ मुलाजिमों ने लाखों रुपए हासिल किए।
शिकायत पर 177/24 नंबर FIR दर्ज
जालंधर के नई बारादरी पुलिस स्टेशन के SHO कमलजीत सिंह ने डेली संवाद को बताया कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा की शिकायत पर 177/24 नंबर की शिकायत दर्ज की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि इसमें होशियारपुर में तैनात क्लर्क संजीव कालिया उर्फ बाबी भी शामिल हैं, जिससे पुलिस ने इसी एफआईआर में एडिशन करते हुए संजीव कालिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर और एडिशन किए गए मामले की कापी संजीव कालिया के बेटे को दे दी गई है।
उधर, संजीव कालिया ने फोन कर के बताया कि उन्हें अभी तक एडिशन की गई एफआईआर की कापी नहीं मिली है। उसके बेटे को पुलिस थाने से जो एफआईआर की कापी दी गई है, वह पहले वाली है। उसमें उनके नाम का जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्तियार सिंह में थाने में बयान दिया है कि उस समय पीए के तौर पर संजीव कालिया की तैनाती थी। उन्होंने डेली संवाद पर अपना पक्ष रखने के बाद भी नोटिस भेजने की धमकी दी है।