डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: दिन-ब-दिन घाटे का सौदा बनती पंजाब की खेती को लाभदायक बनाने और किसानी संकट को हल करने में बागवानी विभाग अहम भूमिका निभा रहा है। उक्त विचार पंजाब के बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत (Mohinder Bhagat) ने आज यहाँ पत्रकारों से बातचीत के दौरान व्यक्त किए।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार (Punjab Govt) राज्य में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
बागवानी विभाग का मुख्य उद्देश्य…
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बागवानी विभाग किसानों का परामर्शदाता विभाग है, जो उन्हें पर्यावरणीय और आर्थिक रूप से लाभकारी सलाह देता है।
श्री भगत ने बताया कि बागवानी विभाग के प्रयासों के चलते पंजाब के किसानों ने खेती विविधता के तहत बड़े पैमाने पर बाग लगाए हैं, जिससे जहाँ लोगों को स्वास्थ्यवर्धक फलों की उपलब्धता बढ़ी है, वहीं राज्य के पर्यावरण में भी सुधार हुआ है क्यों कि बागों के कारण राज्य में वन क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य के भूजल को बचाना और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखते हुए किसानों की आय में वृद्धि करना है।
5 लाख रुपये तक कमा सकते
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि गेहूँ, धान सहित अधिकतर फसलों से प्रति एकड़ 30,000 से 55,000 रुपये तक की आय होती है, जबकि किसान बागवानी के जरिए प्रति एकड़ 1 लाख से 5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लुधियाना जिले के एक किसान ने पॉली हाउस के माध्यम से प्रति एकड़ 20 लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित कर रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न फलों के एस्टेट्स भी बागवानों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। इनसे बागवानों को बागों की देखभाल और उचित खाद के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे अधिक उपज प्राप्त होती है और अनावश्यक खाद से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है। इससे बागवानों को प्रति एकड़ 7000 रुपये का लाभ होता है।
एस्टेट्स तैयार किए
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य में अमरूद, लीची, और नाशपाती के एस्टेट्स तैयार किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा।
श्री भगत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बागवानों को दी जाने वाली सब्सिडी से संबंधित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन कर राज्य के बागवानों के लिए नीति तैयार की जाए। इसके साथ ही अधिकारियों को एक कनाल भूमि में पॉली हाउस स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के बागवानों को आगामी वर्ष के दौरान 600 क्विंटल लीची एक्सपोर्ट करने का ऑर्डर भी मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग को मजबूत करने के लिए खाली पड़ी सभी रिक्तियों को जल्द ही भरा जाएगा।