डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: शहीद समाज की अमूल्य धरोहर होते हैं क्योंकि उनकी बहादुरी और देशभक्ति पूरे समाज को प्रेरित करती है। इसलिए शहीदों को संकीर्ण राजनीति से दूर रखना चाहिए और उनकी महान विरासत का सम्मान करना चाहिए। यह विचार आज यहां खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक (Lal Chand Kataruchak) ने एक बयान के माध्यम से व्यक्त किए।
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कैबिनेट मंत्री लाहौर उच्च न्यायालय में शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Bhagat Singh) को आतंकवादी कहे जाने के मामले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार के असिस्टेंट एडवोकेट जनरल असगर लेघारी ने लाहौर के शादमान चौक (जो कभी सेंट्रल जेल, लाहौर का हिस्सा होता था) का नाम बदलने से संबंधित मामले में लाहौर मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन का प्रतिनिधित्व करते हुए अदालत में यह अपमानजनक टिप्पणी की थी।
आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी
यह वही स्थान है, जहां 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु और शहीद सुखदेव को अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गई थी। शहीद भगत सिंह को महान क्रांतिकारी बताते हुए मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने अविभाजित भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, इसलिए स्वतंत्रता संग्राम के इस महान नायक को उचित सम्मान देना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।
ऐसे षड्यंत्रकारी तत्वों को अपनी संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठने की सलाह देते हुए मंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के महान नायक हैं, और उन्हें आतंकवादी कहना कट्टरपंथी तत्वों की कायरता भरी एवं साम्प्रदायिक सोच को उजागर करता है। ऐसे तत्व दोनों देशों के बीच में अमन के प्रयासों में बाधक बनते हैं।