डेली संवाद, जालंधर। GST Bogus Billing Scam: पंजाब (Punjab) के तीन बड़े शहरों में रोजाना करोड़ों रुपए की जीएसटी (GST) चोरी हो रही है। इस खेल में तीन बड़े पासरों ने कारोबारियों से मिलकर भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार को बड़ा चूना लगा रहे हैं। जालंधर (Jalandhar) में कैमिकल्स और कच्चे माल पर जीएसटी (GST) चोरी को लेकर ताजा मामला सामने आया है।
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जानकारी के मुताबिक जालंधर (Jalandhar) के कपूरथला रोड (Kapurthala Road), वरियाणा काम्पलैक्स (Variana Complex) और फोकल प्वाइंट (Focal Point) जैसे बड़े इंडस्ट्रियल इलाके के कई इंडस्ट्री जीएसटी विभाग (GST Department) को चूना लगा रहे हैं।
इन बाजारों से जुड़े हैं तार
इन इंडस्ट्री संचालकों द्वारा फर्जी इनवॉइस और बोगस बिल (Bogus Bill) के जरिए करोड़ों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। इन इंडस्ट्री मालिकों के तार शहर के नौहरिया बाजार, बस्ती अड्डा और लुधियाना की मंडियों से जुड़े हुए हैं, जहां से इन्हें कच्चा माल और कैमिकल की आपूर्ति होती है।
कर्मचारियों के नाम पर फर्जी फर्में
सूत्रों के अनुसार वरियाणा कांप्लैक्स में कुछ कंपनियों ने अपने ही कर्मचारियों के नाम पर फर्जी फर्में बना रखी हैं। इन फर्जी फर्मों के जरिए जीएसटी की चोरी की जा रही है। यह फर्जी कंपनियां बोगस बिल और इनवॉइस के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक फर्जी फर्मों के नाम पर बैंक से व्यापारिक लिमट बना कर दुरुपयोग किया जा रहा है। इन दस्तावेजों को वैध दिखाने के लिए यह कंपनियां नकली बैंक ट्रांज़ैक्शन का भी सहारा लेती हैं, ताकि जांच में उनके जाली दस्तावेजों व दावों को सही ठहराया जा सके।
टाइल्स और रबर मैन्यूफैक्चरिंग की आड़ में गलत काम
कपूरथला रोड की नहर के किनारे टाइल्स और रबर मैन्यूफैक्चरिंग का कारोबार करने वाले भी कुछ व्यापारी जीएसटी चोरी में आगे निकल चुके हैं। ये कारोबारी टाइल्स और रबर के कारोबार में खुद को निर्माणकर्त्ता दिखाकर नकली इनवॉइस के माध्यम से फर्जी आईटीसी क्लेम कर रहे हैं। इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार कपूरथला रोड के साथ लगते इंडस्ट्रियल इलाके में कई बड़े टायर और रबर उत्पाद व टूल्स बनाने वाली कई कंपनियां कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के नियमों का भी सरेआम धज्जियां उड़ाती हैं। ये कंपनियां प्रसिद्ध ब्रांड्स की नकल कर नकली उत्पाद बनाकर बाजार में बेचती हैं, जिससे देशी व विदेशी उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी होती है।