डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब को सुरक्षित और साइबर अपराध (Cyber Fraud) मुक्त राज्य बनाने के प्रयासों के तहत, पंजाब पुलिस (Punjab Police) के साइबर क्राइम डिवीजन ने असम से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर एक अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है।
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इस संबंध में जानकारी देते हुए डीजीपी पंजाब गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान नजरुल अली और मिदुल अली के रूप में हुई है, जो असम (Assam) के कामरूप जिले के निवासी हैं।
पैसे ठगे
‘डिजिटल अरेस्ट’ एक ऐसी साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले, प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी के रूप में, पीड़ित को यह विश्वास दिला देते हैं कि उसने गंभीर अपराध किया है और पीड़ित को उन (धोखेबाजों) की मांगे पूरी होने तक ऑनलाइन रहने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि डरा-धमका कर उससे पैसे ठगे जा सकें।
जानकारी के अनुसार, एक 76 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी ने पंजाब के स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन में शिकायत दर्ज कराई थी कि मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताने वाले व्यक्तियों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए उनसे 76 लाख रुपए की ठगी की। कॉल करने वाले ने पीड़ित पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल एक अपराधी के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि मुंबई हाई कोर्ट की ओर से उसके नाम पर सबपोना जारी किया गया है।
FIR दर्ज
मुंबई साइबर क्राइम के पुलिस अधिकारी के तौर पर धोखाधड़ी करने वाले कालर ने उसको विभिन्न बैंक खाता नंबर दिए और उसको आरोपों से मुक्त करने के लिए उक्त बैंक खातों में पैसा जमा करने के लिए मजबूर किया। कालर की हिदायत अनुसार पीड़ित ने विभिन्न खातों में 76 लाख रुपए जमा करवा दिए। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम डिवीजन ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के अन्य साइबर धोखाधड़ी मामलों में अंतरराज्यीय संबंधों का खुलासा हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों ने सात राज्यों में फैले कम से कम 11 अन्य साइबर धोखाधड़ी मामलों में उनकी संलिप्तता के संकेत दिए हैं, जिनमें लगभग 15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है।
ऐसी ठगी को अंजाम देता
डीजीपी ने बताया कि जांच के दौरान साइबर ठगों के बैंक खातों, व्हाट्सएप खातों और मोबाइल नंबरों से मिली जानकारी से पता चला कि यह गिरोह असम के दूरदराज के जिलों से ऐसी ठगी को अंजाम देता था। व्हाट्सएप और स्काइप द्वारा दिए गए आईपी लॉग्स की जांच से यह भी सामने आया है कि फर्जी धमकी संबंधी कॉलें कंबोडिया और हांगकांग से की गई थी।
इस कार्रवाई का विवरण साझा करते हुए एडीजीपी, साइबर क्राइम डिवीजन वी. नीरजा ने बताया कि पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम शाखा की एक टीम, इंस्पेक्टर जुझार सिंह के नेतृत्व में पिछले हफ्ते असम गई थी और कामरूप जिले से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पैसों की हेराफेरी करता
उन्होंने कहा कि आरोपी नज़रुल अली ‘चालू बैंक खाते’ का मालिक था, जो कि लोअर वन पर पैसों की हेराफेरी करता था। जबकि मिदुल अली ने अपने दस्तावेज़ उपलब्ध कराकर नज़रुल की बैंक खाता खोलने में मदद की थी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर मोहाली लाया गया है। साथ ही, आगामी दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
समन जारी किए
एडीजीपी ने कहा कि आरोपियों का चालू खाता खोलने में मदद करने वाले बैंक कर्मचारियों को भी समन जारी किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन जानकारियों को इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (94C) पोर्टल के माध्यम से अन्य राज्यों के साथ साझा किया जा रहा है।
गौरतलब है कि थाना स्टेट साइबर क्राइम एसएएस नगर में एफआईआर नंबर 25, तिथि 24.09.2024 को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308(2), 318(4), 319(2), और 61(2) एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धाराएं 66(सी) और 66(डी) के तहत पहले ही मामला दर्ज किया गया है।