डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब में AAP से जुड़ी खबर सामने आई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के ने प्रधान का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने हिंदू चेहरे को प्राथमिकता दी है।
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पूर्व मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) को नया प्रधान बनाया गया है। जबकि शैरी कलसी को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया है। पंजाब मुख्यमंत्री CM भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने खुद सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी।
कांग्रेस जैसे हिंदू-सिख कॉम्बिनेशन पर चली AAP
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में हिंदू और सिख के कॉम्बिनेशन की प्रक्रिया को अपनाया है। इसमें सिख चेहरे के तौर पर भगवंत मान मुख्यमंत्री होंगे। वहीं हिंदू चेहरे के तौर पर अमन अरोड़ा प्रधान बनाए गए हैं। इससे पहले कांग्रेस इस फॉर्मूले पर काम करती थी। उनकी सरकार में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री रहे तो प्रधान हिंदू चेहरे सुनील जाखड़ को बनाया गया था।
पिता के निधन के बाद राजनीतिक विरासत संभाली
अमन अरोड़ा लंबे समय तक कांग्रेस से भी जुड़े रहे। उनके पिता स्वर्गीय बाबू भगवान दास अरोड़ा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। 1992 और 1997 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके बाबू भगवान दास अरोड़ा ने सियासत में अपना दमखम दिखाया। हालांकि साल 2000 में उनका निधन हो गया। इसके बाद अमन अरोड़ा ने उनकी सियासी विरासत संभाली।
AAP में लगातार दूसरी बार MLA बने
अमन अरोड़ा संगरूर जिले के सुनाम से दूसरी बार के विधायक हैं। हालांकि दोनों बार उन्हें AAP की टिकट पर कामयाबी मिली। उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए।
इसके बाद अमन अरोड़ा ने 2016 में AAP का दामन थाम लिया और 2017 का विधानसभा चुनाव करीब 30 हजार मतों के अंतर से जीते। विपक्ष में रहने के बावजूद वह संघर्ष करते रहे। पंजाब में 2022 के चुनाव में 75,277 के अंतर से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने सुनाम से कांग्रेस के जसविंदर धीमान को हराया था।
दूसरी बार में मंत्री बने अरोड़ा
अमन अरोड़ा को प्रधान जैसे पद की जिम्मेदारी के बीच उनका मंत्री को लेकर सिलेक्शन चौंकाने वाला रहा। 2022 में जब AAP ने पंजाब की 117 में से 92 सीटें जीतीं तो तब उनका मंत्री बनना तय था। हालांकि पहली कैबिनेट से उनका नाम गायब रहा।
मंत्री न बनाए जाने पर अमन अरोड़ा ने कहा था कि मेरी कोई कमी रह गई होगी, जो मेरा नाम रह गया। मैं उसे दूर करूंगा। मैं पार्टी का छोटा वर्कर हूं और पार्टी जहां भी ड्यूटी लगाएगी। वह काम करूंगा। इसके बाद जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो उन्हें मंत्री बनाया गया।