डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम रिकॉर्ड को डिजिटली संरक्षित करने के लिए ‘अपार आई.डी.’ (ऑटोमेटेड परमानैंट एकैडमिक रजिस्ट्री) की शुरुआत की गई है।
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इस योजना के तहत हर छात्र को यूनिक 12 अंकों का आई.डी. नंबर (ID No.) दिया जाएगा जिसे डिजिलॉकर (DigiLocker) से जोड़ा जाएगा। यह कदम छात्रों की शिक्षा को डिजिटली संरक्षित और सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।

समय सीमा निर्धारित
इस शृंखला में डायरैक्टर जनरल ऑफ स्कूल एजुकेशन पंजाब ने एक पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूल प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि छात्रों के माता-पिता से सहमति पत्र लेकर यू डाइस प्लस पोर्टल पर छात्रों की अपार आई.डी. बनाई जाए।
इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए 31 दिसम्बर तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस प्रक्रिया के तहत स्कूलों में छात्रों के फोटो, बायोमीट्रिक और अन्य विवरण दर्ज किए जाएंगे, जो पूरी तरह सुरक्षित और गोपनीय रहेंगे।
पंजाब की धीमी प्रगति पर चिंता
केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में पंजाब की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की गई है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सैकेंडरी और एलीमैंट्री शिक्षा निदेशालय के निदेशकों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि अपार आई.डी. बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। इसके अलावा, सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे इस कार्य को प्राथमिकता दें और अपनी प्रगति की रिपोर्ट नियमित रूप से नोडल अधिकारियों को दें।
अपार आई.डी. की प्रगति की समीक्षा के लिए 3 दिसम्बर को दोपहर 12 से 2 बजे के बीच एक वीडियो कॉन्फ्रैंस आयोजित की जाएगी। इसमें भारत सरकार के अधिकारी, पंजाब के शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी और संबंधित स्टाफ भाग लेंगे। बैठक में परियोजना की स्थिति और इसके कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।

‘वन नेशन, वन स्टूडैंट’ का हिस्सा
अपार आई.डी. योजना को ‘वन नेशन, वन स्टूडैंट’ के हिस्से के रूप में लागू किया जा रहा है। इस डिजिटल आई.डी. कार्ड में छात्रों की कक्षा 1 से 12वीं तक की शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की जानकारी डिजिटली सुरक्षित रहेगी। इसमें मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टीफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टीफिकेट और सह-पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र शामिल होंगे।
छात्रों और माता-पिता को होंगे ये लाभ
डॉक्यूमैंट्स की सुरक्षा: सभी शैक्षणिक दस्तावेज डिजिटली संरक्षित रहेंगे।
हायर स्टडीज में मदद: उच्च शिक्षा के फॉर्म भरने में दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी।
एडमिशन प्रक्रिया में सरलता: एक स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
सी.बी.एस.ई. क्रैडिट स्कोर: छात्रों को उनकी परफॉर्मैंस के आधार पर क्रैडिट स्कोर का लाभ मिलेगा।

जरूरी दस्तावेज
- यू-डी.आई.एस.ई. और स्टूडैंट पर्सनल एजुकेशन नंबर
- छात्र का नाम, जन्मतिथि और जैंडर
- माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड नंबर


