Aaj Ka Panchang: आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की करें पूजा, पढ़ें पंचांग

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Aaj Ka Panchang 15 December 2024: आज 15 दिसंबर 2024 की तारीख है, दिन है रविवार (Sunday)। आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। यह दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो भक्त इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Margashirsha Purnima Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें। ऐसे में आईए पंडित प्रमोद शास्त्री से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 2024) और शुभ मुहूर्त के विषय में।

Lord Vishnu
Lord Vishnu

आज का पंचांग (Panchang 15 December 2024)

पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।

ऋतु – शरद

चन्द्र राशि – वृषभ

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 23 मिनट पर

चन्द्रोदय – शाम 05 बजकर 19 मिनट पर

चन्द्रास्त – सुबह 08 बजकर 20 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

अभिजित मुहूर्त – दोपहर 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक

अमृत काल – शाम 06 बजकर 06 मिनट से रात्रि 07 बजकर 36 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक।

अशुभ समय

राहु काल – शाम 04 बजकर 09 मिनट से शाम 05 बजकर 21 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 02 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 13 मिनट तक।

Lord Lakshmi Mata
Lord Lakshmi

दिशा शूल – पश्चिम

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती।

चन्द्रबल

वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन।

पूर्णिमा पूजन मंत्र

  1. ॐ नमोः नारायणाय।।
  2. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।।
  3. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।















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