डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 19 December 2024: आज 19 दिसंबर 2024 की तारीख है, दिन है गुरुवार (Thursday)। सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है। इस दिन देवगुरु बृहस्पति की भी उपासना की जाती है। साथ ही गुरुवार का व्रत रखा जाता है। यह व्रत विवाहित और अविवाहित लड़कियां रखती हैं। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
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साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 19 दिसंबर को पौष महीने के पहले गुरुवार पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। ऐसे में आईए पंडित प्रमोद शास्त्री से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 2024) और शुभ मुहूर्त के विषय में।
शुभ मुहूर्त
पौष माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुर्थी तिथि आज यानी 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। व्रती अपनी सुविधा के अनुसार समय पर चर्तुर्थी या पंचमी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा कर सकती हैं।
शिववास योग
ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी एवं पंचमी तिथि के शुभ अवसर पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। यह योग दिन भर है। इस दौरान भगवान शिव सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। वहीं, पौष माह के पहले गुरुवार पर उत्तर भाद्रपद और अश्लेषा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, बालव, कौलव और तैतिल करण का भी संयोग है।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 19 December 2024)
सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रोदय- शाम 09 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 43 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 44 मिनट से 11 बजकर 01 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुंभ
भगवान विष्णु के मंत्र
- ॐ नमो नारायण श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि। - ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।