डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) ने पहले सिख गुरु नानक देव जी द्वारा बताए गए फलसफा, “पवन गुरु पानी पिता, माता धरति महतु” (हवा गुरु है, पानी पिता है और धरती माता है) का उल्लेख करते हुए कहा कि सतत भविष्य की प्राप्ति के लिए पंजाब द्वारा पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता को कम करने और हरित ऊर्जा की ओर परिवर्तन करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
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वे यहां एक होटल में पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) द्वारा ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी, बिजली मंत्रालय के सहयोग से आयोजित राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सुरक्षा के लिए मिलकर काम करें
उन्होंने कहा कि सैकड़ों साल पहले हमारे पहले गुरु साहिब ने हवा को गुरु का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि अंततः दुनिया अब जलवायु परिवर्तन की सच्चाई के प्रति जागरूक हो रही है। समय की मांग है कि सभी इस संकट की गंभीरता को स्वीकार करें और हमारी धरती की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करें।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने स्कूलों सहित 1000 से अधिक सरकारी इमारतों को ऊर्जा-कुशल बनाकर 6800 मेगावाट को नवीकरणीय ऊर्जा में सफलतापूर्वक परिवर्तित किया है। 6200 मेगावाट को नवीकरणीय ऊर्जा में बदलने के लिए एक और परियोजना प्रक्रिया अधीन है। इसके अलावा, राज्य में 2.16 लाख ऊर्जा-कुशल बीईई 4-स्टार रेटिंग वाले कृषि पंप सेट लगाए गए हैं। राज्य में 750 से अधिक इमारतें ईसीबीसी (एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड) के अनुरूप हैं।
सहयोग करने की अपील की
पंजाब को ऊर्जा-कुशल राज्य में बदलने के लिए उन्होंने राज्य के निवासियों से सरकार का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार केवल एक ईको-सिस्टम तैयार कर सकती है, लेकिन मुख्य जिम्मेदारी निजी संस्थानों की है क्योंकि उन्हें अपनी संस्थाओं को ऊर्जा-कुशल तकनीकों से सुसज्जित करना है।
उन्होंने पुरानी कहावत “पैसे की बचत करके भी पैसा कमाया जा सकता है” का उल्लेख करते हुए ऊर्जा बचत के महत्व पर जोर दिया और कहा कि, “ऊर्जा की बचत करना ही ऊर्जा का उत्पादन करना है।” इस दौरान उन्होंने ऊर्जा-कुशलता प्रौद्योगिकी और ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह पर प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
ऊर्जा-कुशलता की आवश्यकता पर बल दिया
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव श्री अजोय कुमार सिन्हा ने राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को पाटने के लिए ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा-कुशलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और ऊर्जा-कुशलता के उपायों को समझदारी से अपनाने की अपील की।
पेडा के निदेशक श्री एम.पी. सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के महत्व के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए राज्य में ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रमों के तहत की गई पहलों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि पंजाब ईसीबीसी, ईसी सप्ताह मनाने, 85 से अधिक क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को लागू करने और ईसीबीसी और हरित भवनों को प्रोत्साहित करने के साथ ऊर्जा-कुशलता के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है।
इस राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के समारोह में जीआरआईएचए काउंसिल की डिप्टी सीईओ शबनम बस्सी , वीपी बिजनेस डेवलपमेंट ग्लोबल नेटवर्क फॉर ज़ीरो के गौरव मुखीजा, पीएसपीसीएल, जल आपूर्ति और स्वच्छता, लोक निर्माण विभाग, स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, गमाडा सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।