डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: Mayor of Jalandhar – जालंधर नगर निगम (Municipal Corporation Jalandhar) में बहुमत के आंकड़े से पीछे रहे आम आदमी पार्टी (AAP) ने विपक्षी दलों को तोड़ना शुरू कर दिया है। AAP ने निगम में अपना मेयर (Mayor) बनाने के लिए दो महिला पार्षदों को तोड़ लिया है। एक कांग्रेस (Congress) की पार्षद ने AAP ज्वाइन किया तो दूसरी महिला आजाद पार्षद जीत कर AAP में शामिल हो गईं।
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जालंधर (Jalandhar) में जोड़तोड़ में जुटी AAP ने पूर्व मेयर जगदीश राजा (Jagdish Raja) की पत्नी अनीता राजा (Anita Raja) को हराने वाली कांग्रेस की महिला कौंसलर प्रवीण वसन आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई हैं। प्रवीण वसन वार्ड-65 से चुनाव जीती हैं, जबकि वार्ड-81 से आजाद लड़कर कौंसलर चुनी गई सीमा रानी ने भी AAP ज्वाइन कर लिया है।
प्रवीण वसन के आने से अरुणा का नुकसान
माना जा रहा है कि प्रवीण वसन को सीनियर डिप्टी मेयर या डिप्टी मेयर बनाया जा सकता है। इस समीकरण के बाद कांग्रेस छोड़ कर AAP में आकर वार्ड-33 से चुनाव लड़कर कौंसलर चुनी गईं अरुणा अरोड़ा की गणित गड़बड़ा रही है, क्योंकि अरुणा अरोड़ा सीनियर डिप्टी मेयर की दौड़ में शामिल बताई जा रही हैं।
आम आदमी पार्टी को दो पार्षदों के शामिल होने के बाद भी बहुमत नहीं मिला है। AAP के 38 पार्षदों में 2 पार्षदों का इजाफा हुआ है, जिससे AAP अब 40 पर पहुंच गई है, बहुमत के लिए 5 पार्षदों की जरूरत है। जिसके चलते आम आदमी पार्टी के मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, मंत्री रवजोत सिंह और मंत्री मोहिंदर भगत पार्षदों कई पार्षदों को मनाने में लगे हुए हैं।
बहुमत के लिए नेताओं की जरूरत
AAP को बहुमत के लिए फिलहाल करीब 5 और नेताओं की जरूरत है। ऐसे में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों और विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ेगा। विपक्ष समर्थन के लिए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद मांग सकता है। इसके बाद ही आप अपना मेयर बना पाएगी। फिलहाल 38 सीटें जीतने वाली आप के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों को मनाने में जुटे हैं।
उधर, कांग्रेस से चुनाव लड़कर AAP में शामिल होने वाली प्रवीण वासन को लेकर सोशल मीडिया में तरह तरह की टिप्पणियां शुरू हो गई है। सोशल मीडिया में वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी खुराना लिखते हैं कि ‘प्रवीण वसन को वार्ड के 2100 लोगों ने बतौर कांग्रेसी और झाड़ू के विरोध में वोट दिए। यह सीधा 2100 लोगों/वोटरों के मूहँ पर थप्पड़ है जिन्हे झाड़ू पसंद नहीं था।
वोटरों के मुंह पर तमाचा
खुराना लिखते हैं – 1880 लोगों/वोटरों ने अनीता राजा को वोट देते समय कांग्रेस प्रतिनिधि को नकारा। उन वोटरों/लोगों के मूहँ पर भी तो यह फ़ोटो एक तमाचा है जिन्होंने वासन को बतौर कांग्रेसी रिजेक्ट किया। पर…. चूँकि जगदीश राजा/अनीता राजा ने भी दलबदल किया था इसलिए वासन का यह कदम भी ग़लत नहीं माना जा रहा।
इतना जरूर है कि अब आम आदमी पार्टी की बैठकों में राजा दम्पति को नहीं बुलाया जाएगा बल्कि उन्हें हराने वाले वासन की आप में पूरी टौहर होगी। ऐसी हो गई है राजनीति..इसीलिए नए लोग पॉलिटिक्स में नहीं आ रहे .. वही घिसे पिटे ही बार बार सब किए जा रहे हैं।
सीएम और कैबिनेट मंत्री का प्रचार भी काम नहीं आया
राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान, पंजाब आप प्रमुख और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंत्री मोहिंदर भगत ने शहर के हर हलके में प्रचार किया और शहर की जनता से कई वादे किए। लेकिन जब नतीजे आए तो हालात कुछ और ही थे।
सीएम मान, मंत्री अरोड़ा, ईटीओ और भगत मिलकर भी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। जिसके चलते अब मेयर चुनने के लिए विपक्ष की जरूरत पड़ गई है। हालांकि मोहिंदर भगत अपने हलके में 10 सीटें जीतने में कामयाब रहे।