डेली संवाद, जालंधर/अंबाला/लुधियाना। GST Scam: पंजाब (Punjab) के जालंधर (Jalandhar), लुधियाना (Ludhiana) औऱ मंडी गोबिंदगढ़ (Mandi Gobindgarh) के बाद अब हरियाणा (Haryana) के अंबाला (Ambala) में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। GST घोटाले में कई नामी फर्मों का कालाधंधा भी सामने आ गया है। GST विभाग ने 568 कारोबारियों को नोटिस जारी करते हुए अरबों रुपयों का जुर्माना ठोका है।
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जानकारी के मुताबिक पंचकूला (Panchkula) स्थित जीएसटी कार्यालय से एडिशनल कमिश्नर ने इस संबंध में 800 से अधिक पेज के दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। एडिशनल कमिश्नर ने बताया कि एक-एक फर्म पर 14 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। इन फर्मों ने महज कागजों में ही खरीद फरोख्त करके सरकार से करोड़ों रुपयों का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ले लिया है।

विश्व विख्यात साइंस इंडस्ट्री की नामी फर्में शामिल
खास बात यह है कि इन फर्मों में अंबाला की विश्व विख्यात साइंस इंडस्ट्री की नामी फर्मों के अलावा अन्य कारोबारी शामिल हैं। जिस क्षेत्र की यह फर्में हैं, उसके अलावा अन्य कार्यों (साइंस उपकरणों के अलावा) की खरीद फरोख्त में यह खेल किया गया।
जीएसटी विभाग द्वारा 568 फर्मों का खुलासा किया गया है, जिन्होंने अरबों रुपयों का आईटीसी सरकार से हासिल किया। इस में सामने आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग सदस्यों के नाम से तीन-चार फर्में रजिस्टर्ड शुरू कर दी गईं।
इन्हीं फर्मों में खरीद-फरोख्त का खेल किया गया और करोड़ों का आइटीसी सरकार से ले लिया।

फर्म द्वारा सामान की फर्जी खरीद दिखाई
GST विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक फर्म द्वारा सामान की फर्जी खरीद दिखाई जाती, जबकि अन्य फर्मों को सामान बेचा हुआ दिखा दिया जाता। जो फर्म जिस कार्य में काम कर रही थे, उससे अलग प्रोडक्ट की खरीद दिखाकर यह सारा खेल किया गया।
इस सारे फर्जीवाड़े में इन फर्मों की बैंक डिटेल को भी खंगाला गया। जिन फर्मों को नोटिस जारी किया गया था, उन्होंने जवाब भी दिया, लेकिन जवाब से असंतुष्ट होकर विभाग ने इन सभी पर करोड़ों रुपयों का जुर्माना ठोक दिया है।

1118 करोड़ का घोटाला
केंद्र सरकार द्वारा देश भर में जीएसटी साल 2017 में लागू किया गया था। इसके लागू होने के बाद विभिन्न राज्यों में फर्जी इनपुट क्रेडिट टैक्स बनाने के मामले सामने आए थे। पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश में जीएसटी का बड़ा घोटाला हुआ। हरियाणा की बात करें तो पहले करीब 1182 करोड़ रुपये का आइटीसी घोटाला उजागर हो चुका था, जबकि इसमें से कुछ रिकवरी भी हुई थी।
21 दिनों में वेरिफिकेशन का नंबर भी बनाया
फर्जी फर्म बनाकर आइटीसी लेने वालों पर शिकंजा कसने के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन का नियम भी बनाया गया। पहले जहां कागजातों के आधार पर जीएसटी नंबर जारी कर दिया जाता था, वहीं ऐसे मामले सामने आने लगे, जहां यह फर्म मौजूद ही नहीं होती थी।
कागजों मं यह फर्में जीवित रहतीं। इन में कागजात भी दूसरे लोगों के इस्तेमा किए गए थे। इसके बाद नियम बनाया गया कि जीएसटी नंबर अप्लाई करने वाले व्यक्ति के ऑफिस सहित अन्य वेरिफिकेशन फिजिकली जाकर वेरिफाई करनी हैं।

पंजाब में तीन बड़े ट्रांसपोर्टर हैं मास्टर माइंड
पंजाब के जालंधर, लुधियाना औऱ मंडी गोबिंदगढ़ के तीन बड़े पासर व ट्रांसपोर्टर हर रोज पंजाब सरकार औऱ केंद्र सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। इसमें जालंधर के फोकल प्वाइंट में स्थित दो ट्रांसपोर्टर और दाानमंडी का एक ट्रांसपोर्टर रोज लाखों रुपए के बिल की चोरी करते हैं।
फोकल प्वाइंट का ट्रांसपोर्टर डुप्लीकेट सिगरेट औऱ तंबाकू बनाने वाले एक कारोबारी के मिलकर जालंधर से नकली सिगरेटर और तंबाकू पड़ोसी राज्यों में भेजते हैं। इसी तरह दानामंडी वाला ट्रांसपोर्टर हैंड टूल्स व लोहे व पीतल से बनी वस्तुओं की ढुलाई करता है, वह भी रोज लाखों रुपए का चूना सरकार को लगाता है। डेली संवाद इन तीनों ट्रांसपोर्टरों का जल्द ही कच्चा चिट्ठा खोलेगा।


