डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर (Jalandhar) में नव नियुक्त मेयर वनीत धीर (Mayor Vaneet Dhir) की इनोवा में लाल-नीली बत्ती चर्चा का विषय बन गई है। इसे लेकर जालंधर के आऱटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने राज्यपाल और डीजीपी (DGP) से शिकायत की है। अब कहा जा रहा है कि मेयर की इनोवा से लालनीली बत्ती ऊतारी जाएगी। मेयर ही नहीं, जालंधर नगर निगम के अफसरों ने भी अपनी गाड़ियों में नीली लाल बत्ती लगा रखी है।
यह भी पढ़ें: कनाडा में PR को लेकर नए नियमों की घोषणा, पंजाब के लोगों पर क्या पड़ेगा असर, पढ़ें
जालंधर (Jalandhar) में सरकारी गाड़ी की बात छोड़ो, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, निगम प्रशासन के अफसर ने अपनी निजी कार में लालनीली बत्ती लगा रखी है। मेयर की इनोवा से लालनीली बत्ती के साथ क्या अफसरों की गाड़ियों से लालनीली बत्ती उतरेगी, यह बड़ा सवाल है?

कौन लालनीली बत्ती लगा सकता है
फिलहाल आइए जानते हैं कि कौन लालनीली बत्ती लगा सकता है औऱ कौन इसे नहीं लगा सकता है। दरअसल अपने देश में गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाने का चलन काफी पुराना है। इसके जरिए बहुत से लोग अपना भौकाल टाइट करने या हनक जताने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब ये पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं तो कोई सिफारिश काम नहीं आती। इसके बाद पुलिस मोटा चालान काटती है या फिर वाहन को सीज कर देती है।
कार पर नीली लाल बत्ती लगाने के नियम, देखें
1 मई 2017 से, भारत सरकार ने लाल बत्ती का उपयोग केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए सीमित कर दिया है। सामान्य जनता या अन्य सरकारी अधिकारियों को लाल या नीली बत्ती का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना और कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

VIP कल्चर को हटाने के लिए नियम
वैसे कुछ सालों पहले केंद्र सरकार ने VIP कल्चर को हटाने के लिए मंत्री और कैबिनेट मंत्री की गाड़ी पर लगने वाली नीली बत्ती को हटाने का आदेश दिया था। जिसके बाद सरकार या विपक्ष का कोई भी माननीय अपनी गाड़ी पर बत्ती का यूज नहीं करता है। लेकिन इसके बावजूद रोड पर आपको कई गाड़ी में लाल और नीली बत्ती लगी हुई दिखाई दे जाती है। जिसको लगाने के नियम के बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।
बीकन लाइट का यूज कौन कर सकता है?
लाल बत्ती का उपयोग अब केवल उच्च सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों की गाड़ियों पर ही किया जा सकता है। जिसमें मुख्य तौर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा अध्यक्ष जैसे अधिकारियों की गाड़ियों पर लाल बत्ती लग सकती है।

लाल बत्ती (लाल फ्लैशर)
इस प्रकार की बत्ती का उपयोग केवल आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, और पुलिस वाहनों द्वारा किया जा सकता है। इसके साथ ही कलेक्टर और आर्मी के अफसर कर सकते हैं।
नीली बत्ती का यूज कौन कर सकता है?
नीली बत्ती का उपयोग उन वाहनों पर किया जा सकता है जो पुलिस, आपातकालीन सेवाओं या अन्य सरकारी कार्यों से संबंधित होते हैं। यह विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों, आपातकालीन सेवाओं, और सरकारी एजेंसियों के लिए आरक्षित है।
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक को नियमित करना और आपातकालीन सेवाओं को बिना बाधा के काम करने देना है। इन बत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं। यह नियम पूरे भारत में लागू हैं और सभी नागरिकों और अधिकारियों को इनका पालन करना अनिवार्य है।


