डेली संवाद, डूंगरपुर। Girls Hostel: समाज कल्याण विभाग का एक अधिकारी गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostel) में पकड़ा गया। हैरानी की बात यह है कि वह तीन दिन से गर्ल्स हॉस्टल में ठहरा हुआ था। इसकी वह कितने दिन से ठहरा हुआ था, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। मामला राजस्थान (Rajasthan) के डूंगरपुर जिले का है।
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भाजपा और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने गर्ल्स हॉस्टल जाकर उस अधिकारी को पकड़ा। फिर कलेक्टर को फोन किया। इसके बाद उसे गर्ल्स हॉस्टल से बाहर निकाला। एबीवीपी के पदाधिकारियों को सूचना मिली की समाज कल्याण विभाग का डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान तीन दिन से सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में ठहरे हुए हैं। यह सूचना काफी हैरान करने वाली थी।

छात्रावास ओनली गर्ल्स के लिए
चूंकि यह छात्रावास ओनली गर्ल्स के लिए है। फिर रात्रि के समय कोई पुरुष अफसर कैसे ठहर सकता है। एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद जिला संगठन मंत्री रामकृष्ण मेहता, जिला संयोजक महिपाल गमेती, जनजाति प्रमुख राजेंद्र खराड़ी और संजय खराड़ी रात्रि करीब 12:30 बजे हॉस्टल पहुंचे। स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी गई। इस दौरान छात्रावास के बाहर काफी हंगामा हुआ था।
एबीवीपी के पदाधिकारी जब आधी रात को सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल पहुंचे तो वहां सुरक्षा गार्ड से बात की। गार्ड ने बताया कि जिला कलेक्टर यहां रुके हुए हैं। हॉस्टल में ठहरे अधिकारी ने शायद अपने आप को जिला कलेक्टर बताया होगा। बाद में स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में एबीवीपी के पदाधिकारी छात्रावास में घुसे।

कमरे में डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान मिले
एक कमरे में डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान मिले। उन्हें पकड़ कर बाहर निकाला। इस दौरान मोबाइल से घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया गया। जिला कलेक्टर अंकित कुमार ने भी अशफाक को कॉल करके कहा कि वे तुरंत छात्रावास से बाहर निकले।
जिला कलेक्टर अंकित कुमार का कहना है कि समाज कल्याण विभाग के अफसर का गर्ल्स हॉस्टल में रुकना हैरान करने वाला मामला है। उन्होंने अफसर की इस हरकत पर नाराजगी भी जाहिर की। कलेक्टर ने कहा कि उस अफसर को नोटिस जारी करके जवाब तलब करेंगे। कलेक्टर ने यह भी कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया जाएगा ताकि छात्राओं की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके।

ब्वॉयज हॉस्टल के बजाय गर्ल्स हॉस्टल में क्यों ठहरे
गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने वाले डिप्टी डायरेक्टर ने पकड़े जाने पर अलग अलग तरह की बातें करते हुए सफाई दी। कभी कहा कि वह यहां निरीक्षण करने आया था। देर हो गई थी इसलिए यहीं रुक गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वे ट्रांसफर होकर आने के बाद उन्हें स्थायी निवास नहीं मिला।
ऐसे में वे यहां अस्थायी रूप से यहां ठहर जाते थे। सफाई देने पर एबीवीपी के पदाधिकारियों ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के दो ब्वॉयज हॉस्टल भी पास में ही है। ऐसे में ब्वॉयज हॉस्टल के बजाय गर्ल्स हॉस्टल में क्यों ठहरे। इस पर अशफाक कोई जवाब नहीं दे सके।


