डेली संवाद, वॉशिंगटन। Donald Trump On Illegal Migrants: अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अवैध प्रवासियों (Illegal Migrants) को लेकर सख्त हो गए हैं। उन्होंने अमिरेका (US) में रहने वाले अवैध प्रवासियों को पकड़ कर एक ऐसी जेेल में भेजने का हुक्म दिया है, जो सबसे खुंखार जेल मानी जाती है। इस जेल का नाम ग्वांतानामो की खाड़ी (Guantanamo Bay)।
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जानकारी के मुताबिक अमेरिका (America) अवैध प्रवासियों (Illegal Migrants) को लेकर बहुत सख्ती बरत रहा है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अवैध प्रवासियों (US Illegal Migrants) पर एक्शन लिए जाने के आदेश जारी कर दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह अवैध प्रवासियों को ग्वांतानामो की खाड़ी (Guantanamo Bay) में भेजेंगे।

अवैध प्रवासियों पर अमेरिका में सख्ती
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह आदेश रक्षा विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग को ग्वांतानामो की खाड़ी में 30,000 व्यक्तियों की प्रवासी व्यवस्था तैयार करने को लेकर है। रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूबा में इस फैसिलिटी का इस्तेमाल सैन्य कैदियों को रखने के लिए किया जाता है, इसमें 9/11 के हमलों में शामिल कई कैदी भी शामिल हैं।
ग्वांतानामो खाड़ी में 30,000 बेड
डोनाल्ड ट्रंप ने रिले अधिनियम को कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर वाले एक कार्यक्रम में कहा कि ग्वांतानामो खाड़ी में 30,000 बेड की व्यवस्था है। अमेरिकी लोगों को धमकी देने वाले खतरनाक अपराधियों को ग्वांतानामो खाड़ी में रखा जाता है। ट्रंप ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वे लोग वापस आएं। इसीलिए उनको ग्वांतानामो भेजने का फैसला लिया है।

अमेरिका की खतरनाक जेल है ग्वांतानामो
ग्वांतानामो खाड़ी अमेरिकी सैन्य अड्डा है। यहां पर संदिग्ध आतंकवादियों को रखा जाता है। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका द्वारा यातना और दुर्व्यवहार के आरोपों के बीच यह चर्चा में आई। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने फैसिलिटी ऑपरेशन्स को बंद कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, वहां अभी भी 15 कैदी हैं।

अवैध प्रवासियों की अब खैर नहीं!
अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों पर ट्रंप का रुख सख्त है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही उन्होंने बिना डॉक्युमेंट्स के रह रहे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने अन्य देशों को भी ये चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने इन लोगों को वापस लेने से इनकार किया तो उनको इसके परिणाम भुगतने होंगे।


