डेली संवाद, नई दिल्ली/चंडीगढ़। Weather Today: कई दिनों से धूप के बाद मौसम ने फिर से करवट बदला है। जिससे कई राज्यों में बादल छा गए हैं, जबकि कई राज्यों में घना कोहरा पड़ रहा है। बात अगर दिल्ली (Delhi) की करें तो यहां कोहरा छाया रहेगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में छिटपुट से लेकर व्यापक वर्षा और बर्फबारी की संभावना है।
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पंजाब और हरियाणा में मध्यम वर्षा की उम्मीद है। केरल और तमिलनाडु में भारी बारिश हो सकती है। 1-4 फरवरी के बीच दो ताजा पश्चिमी विक्षोभों के इस क्षेत्र को प्रभावित करने की उम्मीद है, जिससे कई राज्यों में महत्वपूर्ण वर्षा होगी। उत्तराखंड में 1-4 फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की उम्मीद है।

इन जगहों पर बारिश
इन पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव के तहत, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में 30 जनवरी से 5 फरवरी तक छिटपुट से मध्यम वर्षा और बर्फबारी का अनुभव होगा।
इस बीच, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक फरवरी से 4 फरवरी के बीच छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान और विदर्भ में 2 से 4 फरवरी के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 3 और 4 फरवरी को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।

कराईकल में भारी बारिश की उम्मीद
दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में पूर्वी लहर के कारण नमी की स्थिति आने का अनुमान है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे में 2 फरवरी तक गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी। केरल, दक्षिण तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश की उम्मीद है।
जनवरी में गर्म और शुष्क मौसम के बाद फरवरी में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और सामान्य से कम वर्षा होने की आशंका है। फरवरी में दीर्घावधि औसत (1971-2020) 22.7 मिमी के 81 प्रतिशत से कम वर्षा होने की आशंका है।

अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पश्चिम-मध्य, प्रायद्वीपीय और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की आशंका है।
उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में फरवरी में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पू्र्वानुमान है। इसी तरह पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।


