Punjab News: डॉ. बलजीत कौर ने केंद्र से इन योजनाओं को और मजबूत करने की अपील

Mansi Jaiswal
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Dr. Baljit Kaur appeals to Centre

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब की सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण एवं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर (Dr. Baljit Kaur) ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए पंजाब की विभिन्न चुनौतियों को उजागर किया और भारत सरकार से अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए प्रमुख नीतिगत सुधार लागू करने की अपील की।

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उन्होंने इस पहल के लिए भारत सरकार की सराहना की और जोर देकर कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी विशिष्ट चुनौतियां होती हैं, और यह मंच राज्यों को अपनी विशेष समस्याओं को रखने का अवसर प्रदान करता है।

Social Security, Women and Child Development Minister, Dr. Baljit Kaur
Dr. Baljit Kaur

20 लाख रुपये निर्धारित किए गए

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब में अनुसूचित जातियों की आबादी लगभग 32% है, जो भविष्य में और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस आबादी को ध्यान में रखते हुए, “आदर्श ग्राम योजना” के तहत गांवों के लिए गैप-फिलिंग फंड के रूप में प्रति परियोजना 20 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं, लेकिन इसे कम से कम 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि मौजूदा धनराशि व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से सड़कों के निर्माण के लिए अपर्याप्त है।

उन्होंने यह भी बताया कि सामाजिक न्याय विभाग योजनाओं को लागू करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग पर निर्भर करता है, जिससे कई प्रशासनिक बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इस समस्या के समाधान के लिए, उन्होंने भारत सरकार से सामाजिक न्याय विभाग के अधीन जिला और राज्य स्तर पर एक समर्पित तकनीकी इकाई स्थापित करने के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की, ताकि परियोजनाओं की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

4% से बढ़ाकर 10% करने की मांग

इसके अलावा, उन्होंने तकनीकी इकाइयों से जुड़े खर्चों को पूरा करने और कल्याणकारी कार्यक्रमों के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के मद्देनजर प्रशासनिक खर्च को मौजूदा 4% से बढ़ाकर 10% करने की मांग की।

डॉ. बलजीत कौर ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्यों को विकास परियोजनाओं के लिए गांवों के चयन में स्वायत्तता दी जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें जमीनी हकीकत की बेहतर समझ होती है। इसके साथ ही, उन्होंने बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के दायरे को बढ़ाने की मांग की, जिससे राज्यों को स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर विकास कार्यों के चयन का अधिकार मिले। उन्होंने आगे अनुरोध किया कि चयनित गांवों के लिए प्रशासनिक व्यय पहले से ही जारी किए जाएं ताकि आवश्यक तैयारियां पहले ही की जा सकें।

की ये अपील

कैबिनेट मंत्री ने कौशल विकास परियोजनाओं के अनुदान और सहायता से जुड़ी समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं को लागू करने में काफी समय लग जाता है। मौजूदा शर्तों के अनुसार, जब तक पिछली किश्त का 75% उपयोग नहीं हो जाता, तब तक नई राशि जारी नहीं की जाती, जो अक्सर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी का कारण बनती है। उन्होंने भारत सरकार से इस शर्त में, विशेष रूप से चुनावों के दौरान, ढील देने की अपील की, क्योंकि इस समय प्रशासनिक प्रक्रियाएं परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति को धीमा कर देती हैं।

एक और महत्वपूर्ण मांग उठाते हुए, मंत्री ने कहा कि लाभार्थियों के लिए वित्तीय सहायता को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जाए, क्योंकि मौजूदा राशि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसी अन्य योजनाओं की तुलना में अपर्याप्त है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस वित्तीय सहायता को ऋण के हिस्से से अलग रखा जाए, क्योंकि कई लाभार्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हैं, जिन्हें ऋण लेने के लिए पर्याप्त संपत्ति की कमी होती है।

CM Bhagwant Singh Mann
CM Bhagwant Singh Mann

इन मांगों पर सकारात्मक विचार करेगी

उन्होंने पंजाब के लिए वित्तीय संकट को उजागर करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 3,293 गांवों का चयन किया गया था, जिनकी कुल बकाया राशि 684 करोड़ रुपये है। जबकि भारत सरकार से अब तक केवल 61 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं, जिसमें दो महीने पहले प्राप्त हुए 40 करोड़ रुपये भी शामिल हैं, जिससे यह कवरेज केवल 365 गांवों तक सीमित रह गई है। उन्होंने भारत सरकार से जोरदार अपील की कि चल रही विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए बकाया 583 करोड़ रुपये तुरंत जारी किए जाएं।

कैबिनेट मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार इन मांगों पर सकारात्मक विचार करेगी, जिससे पंजाब में अनुसूचित जाति समुदाय के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।




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