डेली संवाद, पटियाला। US India Illegal Immigrants Deportation Update: संयुक्त राज्य अमेरिका (America) का एक सैन्य विमान 116 भारतीय निर्वासितों में से दूसरे को लेकर शनिवार को अमृतसर में उतरा। दरअसल, डिपोर्ट होकर पहुंचे लोगों में से 2 चचेरे भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। इन पर 2 साल पहले हुई एक हत्या का केस दर्ज है।
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जांच में पता चला है कि सजा से बचने के लिए दोनों भाई डंकी के जरिए अमेरिका भाग गए थे। राजपुरा सिटी थाने के SHO बलविंदर सिंह ने कहा है कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जा रहा है। गिरफ्तार दोनों भाइयों की पहचान संदीप और प्रदीप के रूप में हुई है। ये पटियाला (Patiala) में राजपुरा के रहने वाले हैं। हालांकि, इनके परिजनों का कहना है कि बच्चों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है।

2 साल पहले क्या हुआ था?
25 जून 2023 को पटियाला के राजपुरा सिटी थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, शिकायतकर्ता हरमनजोत ने जानकारी दी थी कि दाना मंडी के करीब उनकी रेहड़ी लगती है। वहां 25 जून की रात 10.30 बजे हसमुख सिंह उनकी रेहड़ी पर आय
हसमुख सिंह आकर किसी बात पर बहस करने लगा। पास खड़े उनके रिश्तेदार और दोस्त उसे समझाने लगे, लेकिन हसमुख सिंह नहीं माना। उसने अपने दोस्तों संदीप सिंह उर्फ सनी और सुखदेव सिंह को बुला लिया। ये लोग स्विफ्ट कार और स्कॉर्पियो में कुछ अन्य लोगों को लेकर आए थे।

तलवारें लेकर आए युवक, हाथापाई की
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों के हाथ में तलवारें थीं। इन तलवारों से आरोपियों ने शिकायतकर्ता हरमनजोत के भाई सचंदर सिंह और फूफा सरवन सिंह पर हमला कर दिया। हालांकि, उन्होंने उस समय तलवारें नहीं चलाई थीं, केवल हाथापाई की थी। इसके बाद सभी धमकी देकर वहां से चले गए थे। कह रहे थे कि कल देख लेंगे।
लेकिन, घटना के कुछ देर बाद ही आरोपी वहां फिर से आ गए और तलवारों से सचंदर सिंह और सरवन सिंह पर हमला कर दिया। इसमें दोनों घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां सरवन सिंह को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
आरोपी युवक ही तलवार लेकर पहुंचे थे
इस घटना में दोनों भाइयों पर आरोप है कि ये गांव ढींडसा के रहने वाले हसमुख के साथ दाना मंडी पहुंचे थे। यहां फल विक्रेताओं के साथ हुए झगड़े में ये दोनों साथ थे। हसमुख के कहने पर ही संदीप और प्रदीप तलवारें लेकर दाना मंडी पहुंचे थे।

घर नहीं पहुंचे बच्चे, पुलिस ने रास्ते से ही पकड़ लिया- परिजन
इधर, दोनों आरोपियों के पारिवारिक सदस्य सतनाम सिंह ने जानकारी दी है कि आज सुबह ही सूचना मिली कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए प्रदीप और संदीप घर नहीं पहुंचे हैं। पूरा परिवार उनके घर आने का इंतजार कर रहा था। बाद में पता चला कि दोनों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।
एजेंट ने साफ रास्ते से भेजने की बात कही थी
सतनाम सिंह ने कहा है कि दोनों को झूठे केस में फंसाया गया है। दोनों को बाहर भेजने के लिए हमने 1.20 करोड़ रुपए खर्च किए थे। पैसे लेने से पहले एजेंट ने साफ रूट से भेजने की बात कही थी, लेकिन दोनों बच्चों को जंगल के रास्ते भेजा गया।

गाड़ी को लेकर FIR में नाम आया था
2 साल पहले हुए झगड़े पर सतनाम सिंह ने कहा कि झगड़े में दोनों को फंसाया गया है। इस केस में स्विफ्ट गाड़ी के कारण दोनों के नाम सामने आए थे। पुलिस ने गाड़ी हमारे घर से बरामद की थी।
सतनाम ने अपील की है कि उनके बच्चों को झूठे केस से निकाला जाए और बाहर भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मैं 8-10 हजार में ड्राइवरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा हूं।


