डेली संवाद, अमृतसर/अमेरिका। US India Illegal Immigrants Deportation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई जारी है। अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को उनके वतन जबरन भेजा जा रहा है। अब तीसरा बैच अमृतसर में उतारा गया है। इसमें 112 लोग वापस आए हैं।
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अमेरिका (America) में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसरा बैच 16 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए हैं। इनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 लोग शामिल हैं।

बच्चे भी शामिल
करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद ये लोग एयरपोर्ट से बाहर आए। हरियाणा के लोगों के लिए पुलिस के अधिकारी वॉल्वो बस लेकर पहुंचे। एयरपोर्ट पर अमृतसर की DC साक्षी साहनी भी पहुंचीं। उन्होंने कहा कि सभी लोग शारीरिक रूप से तंदुरुस्त हैं। डिपोर्ट किए गए लोगों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं। बच्चों को डाइपर के साथ दूध उपलब्ध करवाया।
बताया जा रहा है कि देश के 18 हजार लोगों को भारत भेजा जाएगा, जिनमें करीब 5 हजार लोग हरियाणा हैं। अब तक कुल 335 भारतीय डिपोर्ट हो चुके हैं।
हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां
वहीं, शनिवार रात साढ़े 11 बजे अमेरिकी विमान 116 भारतीयों का दूसरा बैच लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा था। महिलाओं-बच्चों को छोड़कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया था।
एयरपोर्ट पर ही उनके परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया।

इससे पहले 5 फरवरी को 104 अप्रवासी भारतीयों को जबरन लौटाया जा चुका है। इनमें बच्चों को छोड़कर महिलाओं-पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया था। इस तरह अब तक 332 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है।
सिख युवक ने सुनाई आपबीती
उधर, अमृतसर एयरपोर्ट पर बिना पगड़ी पहने जा रहा यह युवक मंदीप है। वह शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में शामिल था। उसकी बिना पगड़ी के फोटो वायरल हुई थी। तस्वीर में दिख रहा था कि उसके केश (बालों) से छेड़छाड़ हुई है। फोटो वायरल होने के बाद वह खुद मीडिया के सामने आया।

मंदीप ने बताया कि वह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुका है। रिटायर होने के बाद वह अपनी सारी कमाई (40 लाख) लगाकर अमेरिका गया था। इसके बाद 14 लाख का कर्ज भी हो गया। जब वह अमेरिका पहुंचा तो उसे वहां आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उसकी दाढ़ी और बाल भी काट दिए।
रास्ते में सिर्फ एक फ्रूटी
जब भारत लाया जा रहा था तो रास्ते में सिर्फ एक फ्रूटी, सेब और लेज (चिप्स) का पैकेट दिया, लेकिन नहीं खाया। डर था कि कहीं ये लोग टॉयलेट में न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी ही पिया।
मंदीप सिंह ने बताया- मैंने 17 साल भारतीय सेना में सेवाएं दीं। रिटायरमेंट पर मुझे 35 लाख रुपए मिले। उसने अमेरिका जाना का सोच लिया। मैंने पत्नी के गहने बेचकर कुछ पैसे जुटाए। एजेंट से उससे 40 लाख रुपए की डिमांड की थी। इसके बाद एजेंट ने 14 लाख रुपए और देने को कहा। मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो एजेंट ने भेजने से इनकार दिया।

डंकी लगाकर ऐसे पहुंचे अमेरिका
पिछले साल 13 अगस्त को मैं घर से अमेरिका जाने के लिए निकला था। अमृतसर से दिल्ली, दिल्ली से मुंबई, केन्या, डकार, एम्स्टर्डम होते हुए सूरीनाम पहुंचा। यहां तक वह फ्लाइट में पहुंचा। इसके बाद गाड़ियां या फिर पैदल सूरीनाम से गुयाना, बोलिविया, पेरू, ब्राजील, एक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका तक का रास्ता तय किया।
अमेरिका जाने के लिए कभी कारों में छिपा तो कभी चार-चार दिन जंगलों में भटकता रहा। डोंकरों (डंकी लगवाने वाले) ने पूरे रास्ते अमानवीय व्यवहार किया। मुझे और साथियों को नाव में बैठकर 30-30 फीट ऊंची लहरों के बीच छोड़ दिया गया।
70 दिन सिर्फ मैगी खाई
किसी तरह वे अपनी जान बचाकर वहां से निकला। रास्ते में ऐसा व्यवहार बेहद पीड़ादायक था। जब वह रास्ते में था तो करीब 70 से ज्यादा दिनों तक सिर्फ मैगी खाने को मिली। उसी से पूरे रास्ते गुजारा हुआ। जब जंगलों और सारे रास्ते को पार कर वह अमेरिका में घुसे।

वहां सेना के अधिकारियों ने मेरी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उन्होंने मेरी दाढ़ी और बाल काट दिए। मैंने अधिकारियों को ऐसा न करने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने मेरे केश काटकर छोटे कर दिए। गिरफ्तारी के बाद कैंप में रखा गया। पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ियां लगाईं। इसके बाद बिना कपड़ों के ही वहां से निकला।
रास्ते में पानी पीकर किया गुजारा
मंदीप ने बताया कि 30 घंटे के हवाई यात्रा के सफर में सिर्फ एक फ्रूटी, एक सेब और चिप्स का पैकेट खाने को दिया। ये भी नहीं पता था कि प्लेन में बाथरूम में जाने देंगे या नहीं। इसलिए पूरे रास्ते में सिर्फ पानी पीकर ही गुजारा किया। पानी पीने को कहा तो हाथ की एक हथकड़ी खोली।


