डेली संवाद, नई दिल्ली। Delhi BJP CM LIVE Updates: दिल्ली (Delhi) को अभी कुछ देर बाद नया मुख्यमंत्री (CM) मिल जाएगा। दिल्ली विधानसभा (Delhi Election) में पूर्ण बहुमत में आई भाजपा (BJP) रिजल्ट के 11 दिन बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेगी। इसके लिए प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की मीटिंग होगी। बैठक का समय फिलहाल तय नहीं है।
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) पहले ही साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री निर्वाचित विधायकों में से होगा। बैठक में कैबिनेट मंत्रियों के नाम की भी घोषणा हो सकती है।
शपथ ग्रहण 20 को
शपथ ग्रहण 20 फरवरी को रामलीला मैदान में होगा। इसकी तैयारियों का जिम्मा पार्टी महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ को सौंपा गया है। दोनों नेताओं ने मंगलवार को तैयारियों का जायजा लिया था।
भाजपा 71% स्ट्राइक रेट के साथ 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है। ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह एक ग्रैंड इवेंट की तरह होगा इसमें 1 लाख से ज्यादा लोग आ सकते हैं।
PM मोदी समेत कई हस्तियां आएंगी
शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम केंद्रीय मंत्री, भाजपा और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योगपति, फिल्म स्टार, क्रिकेट खिलाड़ी, साधु-संत और राजनयिक भी आएंगे। दिल्ली के 12 से 16 हजार लोगों को भी बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री की रेस में ये नाम
भाजपा अपने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हमेशा चौंकाती आई है। पार्टी सभी राजनीतिक कयासों को किनारे करते हुए संगठन के पुराने चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपती है। इसके बावजूद 6 विधायकों के नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने 15 विधायकों के नाम निकाले हैं। उनमें से 9 नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं। इन्हीं 9 नामों में CM, कैबिनेट मंत्री और स्पीकर के नाम तय किए जाएंगे।
दिल्ली मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 7 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों से एक-एक भाजपा विधायक को चुना जा सकता है। बिहार और पंजाब चुनाव के अलावा जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इन्हें चुना जाएगा
रविंद्र पाल
पंजाबी दलित समुदाय से आने वाले रविंद्र पहली बार विधायक बने हैं। पंजाब में इस समुदाय को मजहबी सिख कहा जाता है। देश में इस समय एक भी दलित मुख्यमंत्री नहीं है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में एक OBC, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में आदिवासी, महाराष्ट्र और राजस्थान में ब्राह्मण को मुख्यमंत्री बनाया है। इस समय किसी भी राज्य में कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं है।
शिखा राय
शिखा राय ग्रेटर कैलाश- 1 वार्ड से दूसरी बार निगम पार्षद हैं। इस चुनाव में उन्होंने AAP के दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज को करीब 3 हजार वोट से हराया है। पेशे से वकील शिखा प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रह चुकी हैं।
प्रवेश वर्मा
प्रवेश वर्मा, पूर्व CM साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। जाट समुदाय से आने वाले प्रवेश ने पूर्व CM अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से 4099 वोट से हराया है। वे पश्चिमी दिल्ली से दो बार सांसद भी रह चुके हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने 5.78 लाख वोट से चुनाव जीता, जो दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ी जीत थी।
विजेंद्र गुप्ता
छात्र राजनीति से करियर शुरू करने वाले विजेंद्र गुप्ता तीसरी बार विधायक बने हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष रहे विजेंद्र ने निगम पार्षद से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक का सफर तय किया है। वे रोहिणी वार्ड से तीन बाद पार्षद रहे और 2015 में रोहिणी सीट से विधायक बने।
राजकुमार भाटिया
राजकुमार भाटिया दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष हैं। संघ से लेकर संगठन तक में उनकी मजबूत पकड़ है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हुए झुग्गी-झोपड़ी अभियान में राजकुमार काफी सक्रिय रहे। RSS और ABVP का बैकग्राउंड भी भाटिया के प्रोफाइल को मजबूत करता है।
जितेंद्र महाजन
ABVP के साथ राजनीति शुरू करने वाले जितेंद्र महाजन तीसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले 2013 और 2020 में इसी सीट से चुने गए थे। हालांकि, 2015 का चुनाव AAP की सरिता सिंह से हार गए थे। महाजन अपनी साधारण जीवनशैली के चर्चा में रहते हैं। लग्जरी कारों को छोड़कर स्कूटी से चलता पसंद करते हैं। पंजाबी वैश्य समुदाय से आने वाले महाजन लंबे समय से RSS से जुड़े हैं।