डेली संवाद, नवांशहर। Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव को तीन साल हो गए हैं, लेकिन नवांशहर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव को लेकर अदालती लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। शहीद भगत सिंह नगर जिले में सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले स. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बरजिंदर सिंह हुसैनपुर (Barjinder Singh Hussainpur) की याचिका पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को नोटिस (Notice) जारी किया है।
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यहां यह उल्लेखनीय है कि 01 फरवरी, 2022 को एस. बरजिंदर सिंह हुसैनपुर को रिटर्निंग अधिकारी सह एसडीएम नियुक्त किया गया है। उन्होंने नवांशहर (Nawanshahr) से बसपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, जो स्वीकार कर लिया गया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
यह भी उल्लेखनीय है कि उनसे पहले मौजूदा विधायक डॉ. नछत्तर पाल ने इससे पहले बसपा से भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन नियमानुसार यदि किसी पार्टी द्वारा दो उम्मीदवारों को टिकट दिया जाता है तो दूसरे टिकट वाले उम्मीदवार का नामांकन पत्र स्वीकार किया जा सकता है तथा पहले उम्मीदवार का टिकट स्वतः ही रद्द माना जाता है।
लेकिन तत्कालीन एस.डी.एम. रिटर्निंग ऑफिसर ने कथित राजनीतिक प्रभाव के कारण, न केवल बरजिंदर सिंह हुसैनपुर का नामांकन पत्र खारिज हुआ, बल्कि बहुजन समाज पार्टी ने भी अपनी पार्टी के भीतर विद्रोह के बाद एस. हुसैनपुर में अखबार वापस करने के लिए दबाव था, लेकिन श्री. बरजिंदर सिंह हुसैनपुर ने जब इनकार कर दिया तो उसी शाम उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कर लिया गया।
उच्च न्यायालय में चुनौती दी
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने एस. उन्होंने न केवल हुसैनपुर को उसके खिलाफ दर्ज मामले से बरी कर दिया, बल्कि उन्होंने मामले से निपटने में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।
भले ही इन चुनावों में डॉ. नछत्तर पाल विजयी हुए, लेकिन एस. ने उनके नामांकन पत्रों में कमियों, चुनाव कर्मचारियों के पक्षपातपूर्ण व्यवहार और पुलिस उत्पीड़न के आधार पर उनकी जीत को अस्वीकार कर दिया। बरजिंदर सिंह हुसैनपुर ने अपने वकीलों राजविंदर सिंह बैंस, हरिंदरपाल सिंह ईशर और परमिंदर सिंह विग के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
हस्ताक्षर थे या नहीं?
एस. हुसैनपुर का कहना है कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला उन्हें बदनाम करने और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की कोशिश है। जब हुसैनपुर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, तब बीएसपी नेताओं ने लिखित रूप से स्वीकार किया था कि उन्होंने एस. हुसैनपुर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
शहीद भगत सिंह नगर जिले की पुलिस ने कुमारी मायावती को जांच में शामिल करने की कोशिश की थी लेकिन कुछ नहीं मिला। अब कुमारी मायावती हाईकोर्ट में गवाही देंगी और बताएंगी कि एस. बरजिंदर सिंह हुसैनपुर की टिकट पर उनके हस्ताक्षर थे या नहीं। हाईकोर्ट में अगली तारीख 01 मार्च 2025 तय की गई है।