डेली संवाद, महाकुंभ नगर (प्रयागराज)। Mahakumbh: महाकुंभ स्नान (Mahakumbh) के लिए एक बार फिर से प्रयागराज (Prayagraj Kumbh Mela) में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इससे मेला क्षेत्र के बाहर चौतरफा कई घंटे तक जाम लगा रहा है। आज मेला खत्म होने से पहले का आखिरी वीकेंड है। इस वजह से रविवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचे हैं।
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महाकुंभ (Mahakumbh) का आज 42वां दिन है। मेला खत्म होने में 3 दिन और बचे हैं। आखिरी वीकेंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। आधी रात से संगम की ओर जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से फुल हैं। सुबह 8 बजे तक 31.70 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक 61.44 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
25 किलोमीटर का लंबा जाम
ऐसे में प्रयागराज (Prayagraj) में जाम के कारण हालात बदतर हो गए हैं। आपको बता दें कि प्रयागराज में 25 किलोमीटर का लंबा जाम लगा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रीवा, वाराणसी और कानपुर सहित अन्य रास्तों पर भी वाहनों की लंबी कतार है।
एक मार्च तक 67 ट्रेनें रद्द
महाकुंभ के आखिरी स्नान पर्व से पहले उमड़ी भीड़ के चलते ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेलवे ने 67 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 22 फरवरी से 1 मार्च के बीच इन ट्रेनों को निरस्त किया गया है।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा जारी की गई सूची के हिसाब से 22 फरवरी को दो, 23 फरवरी चार, 24 फरवरी को 13, 25 फरवरी को 10, 26 फरवरी को सात, 27 फरवरी को 13, 28 फरवरी को 15 और एक मार्च को तीन ट्रेनें रद्द की गई हैं।
सरकार ने कहा- इस समय दुनिया में 120 करोड़ सनातनी हैं। इनमें से 50% लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर यह संख्या 65 करोड़ पार कर जाएगी। मेला क्षेत्र के बाहरी हिस्सों में भीषण जाम लगा है।
डायवर्जन प्लान लागू
जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है। प्रशासन द्वारा कोखराज बाईपास से फाफामऊ बेला कछार पार्किंग तक सभी गाड़ियों को डायवर्ट किया जा रहा है।
इससे श्रद्धालु आसानी से महाकुंभ पहुंच सकें और स्नान कर सकें। वहीं श्रद्धालुओं के वाहन संगम तट से 10 किलोमीटर पहले ही रोके जा रहे हैं। वहां से लोगों को घाट के लिए पैदल ही रवाना किया जा रहा है।
जाम में फंसकर रेंगते रहे वाहन
संगम तट पूरी तरह से भरा रहने और पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की अधिकता होने के कारण कई मार्गों पर गाड़ियों को डायवर्ट किया गया। इसके चलते नैनी, झूंसी और फाफामऊ की तरफ भी वाहन रेंगते रहे।
तमाम श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर तक पैदल भी चलना पड़ा, जिससे उन्हें कठिनाई हुई। शनिवार को 90 हजार से अधिक वाहनों को प्रयागराज में प्रवेश हुआ।
बड़ी संख्या में वाहनों का प्रवेश
महाकुंभ मेले में आखिरी वीकेंड के पहले दिन शनिवार को अनुमान से अधिक श्रद्धालु और स्नानार्थी आए। शुक्रवार देर रात से ही कौशांबी, लखनऊ, प्रतापगढ़, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर, रीवां और बांदा की तरफ से बड़ी संख्या में वाहनों का प्रवेश होने लगा।
विभिन्न मार्गों पर लगे टोल प्लाजा से इनपुट मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने भीड़ के आधार पर अलग-अलग दिशाओं की पार्किंग को एक्टिवेट कर दिया। मगर शनिवार सुबह होने तक मेला क्षेत्र और उसके बाहर अप्रत्याशित भीड़ दिखने लगी।
धूमनगंज के नेहरू पार्क, वायुसेना मैदान, नैनी के रीवा रोड, एग्रीकल्चर, महेवा, सरस्वती हाईटेक सिटी, झूंसी के लालबाग, चीनी मिल, फाफामऊ के बेला कछार और छोटा व बड़ा बघाड़ा पार्किंग करीब 11 बजे तक भर गई।
संगम तट तक पार्किंग फुल
इससे पहले संगम तट से नजदीक वाली पार्किंग भी फुल हो चुकी थी। इसके बावजूद वाहनों और श्रद्धालुओं के आने का क्रम निरंतर जारी रहा। इससे मेला क्षेत्र की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा तो जाम लगना शुरू हो गया। मेला क्षेत्र के बाहर कई घंटे तक वाहन फंसे रहे।
बांगड़ धर्मशाला, हर्षवर्धन चौराहा, जीटी जवाहर चौराहा पर भी श्रद्धालुओं के वाहन रेंगते रहे। साधन नहीं मिलने के कारण तमाम श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा।