डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 27 February 2025: आज 27 फरवरी दिन गुरुवार (Thursday) है। पंचांग के अनुसार, आज यानी गुरुवार 27 फरवरी यानी आज फाल्गनु अमावस्या है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही देवों के देव महादेव की पूजा कर रहैं। पितृ दोष से छुटकारा पाने और पितरों को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति अपने पूर्वजों का तर्पण एवं पिंडदान कर रहे हैं।
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ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में गंगा स्नान करने और भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ऐसे में चलिए पंडित अनिल शुक्ला से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 27 February 2025)
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 20 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 08 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से रात 12 बजकर 58 मिनट तक
राहुकाल – दोपहर 02 बजे से 03 बजकर 27 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 41 मिनट से 11 बजकर 08 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण

फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त (Falgun Amavasya Shubh Muhurat)
फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर अमावस्या का समापन होगा। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग (Falgun Amavasya Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन अमावस्या पर शिव योग और सिद्धि योग (Falgun Amavasya Siddha Yog benefits) का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र का संयोग है।
वहीं, फाल्गुन अमावस्या पर शिववास योग का भी संयोग पूर्ण रात्रि तक है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
ताराबल
भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ


